हाथरस हादसे को लेकर पुलिस कई पहलुओं पर जांच कर रही है. इस मामले में SIT की रिपोर्ट में सामने आया है कि भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ लापरवाही और बदइंतजामी का नतीजा था. साथ ही इस बात का भी जिक्र है कि कार्यक्रम की परमिशन लेने के दौरान आयोजन समिति ने अपने स्तर पर पूरे इंतजाम को मुकम्मल करने का आश्वासन दिया था.
SIT की रिपोर्ट के मुताबिक हाथरस के सत्संग में बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं में नए श्रद्धालु ज्यादा थे, जो बाबा को देखने के लिए बढ़े, इसी दौरान भीड़ अनियंत्रित हो गई. भीड़ को सड़क पर नियंत्रित करने के लिए पुलिस प्रशासन की मदद मांगी गई थी.
एसआईटी की रिपोर्ट में ये बात भी सामने आई है कि अनुमति देने के दौरान LIU की रिपोर्ट में बाबा के सत्संग में सेवादारों की ओर से ही पूरे इंतजाम करने की बात कही गई थी. स्थानीय अफसरों ने मौके पर जाकर स्थिति का जायजा नहीं लिया. बाबा का सत्संग शुरू होने के बाद लगातार भीड़ आती रही, फिर भी मौके पर मौजूद अफसर स्थिति का आकलन करने में फेल हुए.
आयोजन समिति को तथ्य छुपाने का जिम्मेदार ठहराया
रिपोर्ट के मुताबिक सत्संग स्थल पर जो पुलिसबल तैनात किया गया था, उसमें से कुछ पुलिसकर्मी ही सत्संग के बाहर लगाए गए थे. ज्यादातर फोर्स सड़क पर भीड़ नियंत्रण और ट्रैफिक मैनेजमेंट में ही लगी हुई थी, ताकि हाईवे जाम ना हो. रिपोर्ट में अनुमति की शर्तों का उल्लंघन करने के लिए आयोजन समिति के लोगों को तथ्य छुपाने का जिम्मेदार ठहराया गया है. रिपोर्ट में हादसे में साजिश के लिए पुलिस की जांच और आयोजनकर्ताओं से गहन पूछताछ को जरूरी बताया है.
आयोजन समिति से जुड़े 6 लोग गिरफ्तार
इस केस में पुलिस ने 4 जुलाई को आयोजन समिति से जुड़े 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. अलीगढ़ रेंज आईजी शलभ माथुर ने इस एक्शन की जानकारी दी थी. उन्होंने कहा कि मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर पर 1 लाख का इनाम रखा गया है. पुलिस जल्द ही कोर्ट से उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करवाएगी. आईजी ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी. बाबा का रोल सामने आया, तो उसके खिलाफ करवाई की जाएगी. हालांकि FIR में भोले बाबा का नाम नहीं है. लेकिन भोले बाबा के अपराधिक इतिहास की जानकारी जुटाई जा रही है. उनके फॉलोअर्स हर शहर में हैं, ऐसे में कई शहरों में पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. बाबा ने नौकरी से वीआरएस लिया था, न्यायिक आयोग इसमें प्रशासनिक लापरवाही की जांच करेगा.
गिरफ्तार किए लोगों में 2 महिलाएं भी शामिल
आईजी ने कहा कि जिन आरोपियों को पूछताछ के बाद अरेस्ट किया गया है, वह आयोजन समिति के मेंबर हैं. आरोपी घटना के बाद मौके से फरार हो गए थे. पुलिस ने जिन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनमें 2 महिलाएं शामिल हैं. आरोपी खुद ही क्राउड मैनेजमेंट का काम करते थे. इस काम के लिए प्रशासन का हस्तक्षेप इन्हें स्वीकार नहीं था.