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Hathras Stampede News: हाथरस हादसे की FIR में 'भोले बाबा' का नाम तक नहीं... 80 हजार लोगों की ली अनुमति, सत्संग में ढाई लाख जुटने का दावा

Hathras Satsang Stampede: हाथरस हादसे की FIR में नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' का नाम तक नहीं है. ये वही बाबा है जिसके कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. हादसे में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल भी हैं.  

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Hathras: नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा'
Hathras: नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा'

Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में अब तक 116 लोगों की मौत हो चुकी है. हादसे में दर्जनों लोग गंभीर रूप से घायल हैं. हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है. पोस्टमार्टम हाउस में शवों के ढेर लगे हुए हैं. इस बीच पुलिस ने सत्संग कार्यक्रम के मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य आयोजकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. ये FIR भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 105, 110, 126 (2), 223 और 238 के तहत दर्ज की गई है. हालांकि, हाथरस हादसे की FIR में नारायण साकार हरि उर्फ 'भोले बाबा' का नाम तक नहीं है. ये वही बाबा है जिसके कार्यक्रम में सैकड़ों लोगों की जान चली गई. 

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बता दें कि ये हादसा हाथरस जिले में मंगलवार को सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के जीटी रोड स्थित गांव फुलराई के पास हुआ था. जहां नारायण साकार विश्व हरि के नाम से प्रसिद्ध 'भोले बाबा' के कार्यक्रम में लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जुटी थी. जबकि, इजाजत सिर्फ 80 हजार लोगों की थी. सत्संग समाप्त होने के बाद वहां निकलते समय भगदड़ मच गई और इस भगदड़ के चलते 100 से ज्यादा लोग जान गंवा बैठे. इसमें ज़्यादातर महिलाएं हैं. 

भगदड़ में गई 100 से अधिक लोगों की जान

एफआईआर के मुताबिक, आयोजकों ने 2 जुलाई को हुए कार्यक्रम में 80 हजार लोगों के आने की बात कही थी. लेकिन इसमें यूपी समेत दूसरे प्रदेशों से करीब ढाई लाख लोग आ गए जिससे पूरी व्यवस्था बिगड़ गई और जब बाबा सत्संग करके निकलने लगे तो उनके भक्त उन्हें देखने के लिए बेकाबू हो गए. इसी बीच भगदड़ मच गई. 

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यह भी पढ़ें: 12 हजार सेवादार, ढाई लाख की भीड़ और कंट्रोल में सिस्टम फेल... हाथरस में 121 मौतों का जिम्मेदार कौन?

हाथरस मामले में जो एफआईआर दर्ज कराई गई है उसके अनुसार, सत्संग के आयोजनकर्ता में 'भोले बाबा' का मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर शामिल है. वह हाथरस का ही रहने वाला है. उसके साथ बाबा के अन्य सेवादार/सहयोगी भी थे. उन्हें भारी भीड़ उमड़ने का अनुमान था लेकिन ये बात छिपाई गई. भीड़ के चलते कार्यक्रम स्थल के पास की जीटी रोड पर यातायात अवरुद्ध हो गया. जिसे ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सामान्य किये जाने का प्रयास किया जा रहा था. 

कब बिगड़े हालात? 

जिस वक्त मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ 'भोले बाबा' अपनी गाडी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकल रहे थे तभी दोपहर करीब 2 बजे श्रृद्धालुजन ने बाबा की गाडी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया. कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके श्रृद्धालू दबने कुचलने लगे और चीखपुकार मच गई.

जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी एवं कीचड में बेतहाशा दबती कुचलती भागती भीड़ को आयोजन समिति एवं सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिये डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया, जिसके कारण भीड का दबाव बढता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए. कुछ ही देर बाद लाशें बिछ गईं. उधर बाबा मौके से निकल गए. उनके सेवादारों द्वारा कोई मदद नहीं की गई. आखिर तक पुलिस के लोग ही जुटे रहे.

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