मथुरा के श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद के मामले में 29 फरवरी को सुबह 11.30 बजे से इलाहाबाद हाईकोर्ट महत्वपूर्ण सुनवाई होगी. 23 फरवरी को सिविल प्रक्रिया संहिता के आदेश 7 नियम 11 के तहत मस्जिद पक्ष की तरफ से सिविल वाद की पोषणीयता पर आपत्ति की गई थी.
मथुरा के श्रीकृष्णा जन्मभूमि और शाही ईदगाह से संबंधित कुल 18 याचिकाओं पर सुनवाई होगी. हिंदू पक्ष द्वारा दाखिल याचिकाओं में दावा किया गया है कि मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर किया गया है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.
बता दें कि 14 दिसंबर 2023 को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के कोर्ट की निगरानी में सर्वे के लिए एडवोकेट कमीशन के गठन की मांग वाली अर्जी स्वीकार कर ली थी. हाईकोर्ट के इस आदेश को मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका पर 17 जनवरी को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा एडवोकेट कमीशन के गठन वाले आदेश पर रोक लगा दी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया था कि CPC के आर्डर 7 नियम 11 के तहत मुकदमे की स्थिरता सहित विवाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट के समक्ष सुनवाई जारी रहेगी.
सुप्रीम कोर्ट के रोक वाले आदेश के बाद हिंदू पक्ष ने रेवेन्यू सर्वे की मांग वाली अर्जी भी इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाखिल की थी. पिछले साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित सभी मामलों को मथुरा कोर्ट से अपने पास ट्रांसफर कर लिया था.
बता दें कि मुस्लिम पक्ष की ओर से दलील दी जा रही है कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल याचिकाएं पोषणीय नहीं है.1968 में हुए समझौते को लेकर भी मुस्लिम पक्ष ने दलील पेश की है.इसके तहत केशव देव कटरा की 13.7 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई है. इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष ने 1991 के प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट, लिमिटेशन एक्ट, वक्फ एक्ट और स्पेशल रिलीफ एक्ट का हवाला दिया हैं. यह मामला इन चार एक्ट से बाधित है, इसलिए उनकी सुनवाई यहां नहीं हो सकती है. जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है.