नोएडा के रहने वाले राघवेंद्र देश-विदेश में हेलमेट मैन नाम से जाने जाते हैं. राघवेंद्र पिछले 10 सालों से लोगों को फ्री में हेलमेट बांट रहे हैं और उन्हें सुरक्षा के लिए जागरूक कर रहे हैं. राघवेंद्र अब तक 60 हजार से ज्यादा लोगों को हेलमेट बांट चुके हैं. राघवेंद्र का कहना है कि अगर टू व्हीलर पर जा रहे हैं तो हेलमेट जरूर लगाना चाहिए.
दोस्त की मौत के बाद शुरू की मुहीम
10 साल पहले राघवेंद्र के एक दोस्त की सड़क हादसे में मौत हुई थी. वो बिना हेलमेट के बाइक चला रहा था. तब से राघवेंद्र ने इस काम को अपना मिशन बनाया और वो अब तक 22 राज्यों में अपनी मुहिम को चला चुके हैं.
राघवेंद्र अब तक 35 लोगों की जान बचा चुके हैं
जानकारी के मुताबिक राघवेंद्र के दिए हेलमेट से अब तक 35 लोगों की जान बच चुकी है. जिसकी वजह से उनके नाम वर्ल्ड रिकॉर्ड भी दर्ज है. इस मुहिम के लिए उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी, घर और पत्नी के गहने बेचे. जब उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी उस वक्त वो साल के 18 लाख रुपये कमाते थे. आज पूरा देश उनके साथ खड़ा है.
राघवेंद्र ने बताया कि 10 सालों का ये सफर उनके लिए आसान नहीं था. लेकिन अब लोग उन्हें पहचानने लगे हैं और उनके काम की कदर होने लगी है. राघवेंद्र इंडियन आइडल में स्पेशल गेस्ट के तौर पर पहुंचे थे. अब उनकी मुहिम की सभी लोग बहुत तारीफ कर रहे हैं. राघवेंद्र को उत्तराखंड ट्रैफिक पुलिस ने अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया और उन पर एक फिल्म भी बन रही है.
बच्चों को हेलमेट पहनाएं फ्री में गुलदस्ता ले जाएं
हेलमेट मैन की मुहिम से लोग लगातार जुड़ रहे हैं. ओम प्रकाश और जय प्रकाश एक फूल की दुकान चलाते हैं. एक साल पहले ये दोनों भाई राघवेंद्र की मुहिम से जुड़ गए थे. इन्होंने बकायदा बैनर लगाकर कहा है कि अगर कोई भी 4 साल से ज्यादा उम्र के बच्चे को हेलमेट पहनाकर लाता है. तो वो उसे बर्थडे और मैरिज एनिवर्सरी पर फ्री में गुलदस्ता देते हैं. दोनों भाई पिछले एक साल में 800 से ज्यादा लोगों को गुलदस्ते फ्री में दे चुके हैं.
हिट एंड रन का कानून शानदार है
राघवेंद्र कहते हैं कि मौजूदा हिट एंड रन कानून जिस रूप में सामने आया है वो बेहद शानदार है. बहुत सारे सड़क हादसों में आज तक पीड़ित परिवार को मुआवजे की रकम नहीं मिल पाती है. जो लोग कानून का विरोध कर रहे हैं उन्हें एक बार और सोचना चाहिए क्योंकि किसी की जान से बढ़कर और कुछ नहीं. राघवेंद्र का कहना है कि उनका एक ही मकसद है, जिस तरह से उन्होंने अपने दोस्त को खोया है कोई और अपने परिवार के किसी प्रिय को न खोए.