उत्तर प्रदेश के झांसी में एक होमगार्ड जवान ने इंस्पेक्टरों की पिटाई और उनकी प्रताड़ना से परेशान होकर खुदकुशी कर ली. सुसाइड से पहले जवान ने मंडलीय कमांडेंड झांसी को लिखित शिकायती पत्र देखकर घटना से अवगत कराया था. मृतक ने अपनी शिकायत में लिखा था कि अवैध वसूली का विरोध करने पर उसके साथ मारपीट पीट की गई. इससे क्षुब्ध होकर वो मरने जा रहा है वह अनपढ़ है, भूलचूक माफ करना.
शहर कोतवाली अंतर्गत थापक बाग खुमान का बगीचा निवासी 57 वर्षीय सुरजन सिंह पटेल होमगार्ड का जवान था. उसकी एक बेटी और एक बेटा है और दोनों बच्चों की शादी हो चुकी है. बेटे अनूप पटेल ने बताया कि उसके पिता सुरजन सिंह अम्बाबाय ट्रेनिंग सेंटर में कुक के पद पर तैनात थे. रोजाना की तरह वह बुधवार को ड्यूटी गए थे. वहां पर कार्यरत इंस्पेक्टर लक्ष्मीशंकर और सुभाष यादव प्रशिक्षण लेने वाले होमगार्ड से वसूली करते थे. इसका विरोध करने पर दोनों इंस्पेक्टरों ने पिता के साथ मारपीट करते हुए बेइज्जत किया और उन्हें ताला लागकर बंद कर दिया. वो किसी प्रकार दीवार फांदकर बाहर आए और पुराने ट्रेनिंग सेंटर पहुंचे. जहां उन्होंने इंस्पेक्टर द्वारा की गई मारपीट और अभद्रता से क्षुब्ध होकर जहर खा लिया.
इंस्पेक्टर की पिटाई से क्षुब्ध होमगार्ड जवान ने की खुदकुशी
आनन-फानन में उन्हें झांसी मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनके पास से मंडलीय कमांडेड के नाम पर एक शिकायती पत्र मिला है, जिसमें लिखा कि 'प्रशिक्षण लेने वाले लड़कों को सताया जा रहा है, एक बच्चे की शादी थी, उससे सुभाष इंस्पेक्टर ने 1500 रुपये ले लिए. जब मैंने विरोध किया तो सुभाष और इंस्पेक्टर लक्ष्मीशंकर ने मुझे पीटा और गेट का ताला लगवा दिया. मैं दीवार से कूदकर आया हूं, नहीं तो वो मार देते. वो बोल रहे थे कि मैंने दारू पी है, अगर दारू पी होती तो डॉक्टर से जांच कराते. लेकिन उन्हें मारने का कोई अधिकार नहीं था.
पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की
बेइज्जती करने से मुझे काफी ठेस पहुंची है. दोनों खुद दारू पी हुई थी और मुझे लाठी-डंडो से बहुत मारा इसलिए आत्महत्या करने जा रहा हूं. अनपढ़ हूं, भूल चुक हुई हो तो माफ करना''. इस मामले पर पुलिस अधीक्षक नगर ज्ञानेन्द्र कुमार का कहना है कि थाना सीपरी बाजार अंतर्गत अम्बावॉय में होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर में सुरजन सिंह की पोस्टिंग की थी. उनके पास से एक एप्लीकेशन मिली है, जिसे उन्होंने मंडलीय कमांडेंड को दी थी. जिसमें उन्होंने दो इंस्पेक्टर पर मारपीट और प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. जिसके बाद उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली. परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
नोट:- (अगर आपके या आपके किसी परिचित के मन में आता है खुदकुशी का ख्याल तो ये बेहद गंभीर मेडिकल एमरजेंसी है. तुरंत भारत सरकार की जीवनसाथी हेल्पलाइन 18002333330 पर संपर्क करें. आप टेलिमानस हेल्पलाइन नंबर 1800914416 पर भी कॉल कर सकते हैं. यहां आपकी पहचान पूरी तरह से गोपनीय रखी जाएगी और विशेषज्ञ आपको इस स्थिति से उबरने के लिए जरूरी परामर्श देंगे. याद रखिए जान है तो जहान है.)