माफिया मुख्तार अंसारी मौत मामले में बाराबंकी की कोर्ट ने बांदा जेल के अधिकारी को तलब किया है. जेल अधिकारी कोर्ट को ये बताएंगे कि न्यायिक अभिरक्षा (ज्यूडिशियल कस्टडी) में मुख्तार अंसारी की मौत कैसे हुई. दरअसल, मुख्तार के वकील रणधीर सिंह सुमन की ओर से कोर्ट में वाद दाखिल करने को लेकर अपील की गई है जिसपर कोर्ट में सुनवाई हुई.
वकील रणधीर सिंह ने कोर्ट से अपील करते हुए कहा कि मुख्तार की मौत की वजह जानने के लिए आवश्यक है कि बांदा जेल के सभी सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित कर लिए जाएं. इसके अलावा बांदा जेल में निरीक्षण के नाम पर आने वाले सभी अधिकारियों की एंट्री और कैमरे में आए उनके फोटो को भी सुरक्षित किए जाने की आवश्यकता है.
इसके साथ ही प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करने के लिए आदेश देने की भी अपील बाराबंकी कोर्ट की गई है. इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई हो गई है, 4 अप्रैल को कोर्ट का ऑर्डर आएगा.
फर्जी एंबुलेंस केस में होनी थी पेशी
दरअसल, आज चर्चित फर्जी एंबुलेंस मामले में सरकार बनाम डॉ. अलका राय केस में मुख्तार की पेशी होनी थी. जिसमें वकील रणधीर सिंह ने कोर्ट से मुख्तार अंसारी की मौत की वजह जानने के लिए जेल अधिकारियों को तलब करने के मांग की. जिसपर बाराबंकी एमपी–एमएलए कोर्ट एसीजेएम-19 विपिन यादव ने बांदा के जेल अधिकारी को तलब कर लिया है.
जानकारी के मुताबिक, कोर्ट ने मुख्तार की मृत्यु की खबर देने वाले जेल अधिकारी को तलब किया है. वकील रणधीर सिंह ने बताया कि बांदा जेल के अधिकारी को कोर्ट ने 6 अप्रैल को तलब किया है, जिसमें वह बताएंगे कि न्यायिक अभिरक्षा में मुख्तार की मौत कैसे हुई.
बता दें कि इससे पहले भी मुख्तार अंसारी के वकील गैंगेस्टर कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने का प्रार्थना पत्र दे चुके हैं. वकील रणधीर सिंह सुमन ने बताया कि एमपी– एमएलए कोर्ट में जज के समक्ष दिए गए प्रार्थना पत्र को 'मृत्युकालीन कथन' मान कर मुकदमा दर्ज करने की अर्जी दी गई है. जिसपर जज ने फैसले को रिजर्व करते हुए अगली तारीख 4 अप्रैल लगा दी है.
अस्पताल में माफिया की मौत
मालूम हो कि मुख्तार की बीते गुरुवार को मौत हो गई थी. बांदा जेल में अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी. इसके बाद उसको बांदा मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए ले जाया गया था, जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया.
वहीं, इससे पहले जब 26 मार्च को मुख्तार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉक्टर ने बताया था कि उसे पेट दर्द, पेशाब और मल त्यागने में समस्या थी. उस दिन मुख्तार को सुबह करीब पौने चार बजे भर्ती कराया गया था और शाम करीब 6 बजे डिस्चार्ज किया गया. लेकिन इसके दो दिन बाद जब मुख्तार की तबीयत बिगड़ी तो उसे नहीं बचाया जा सका.