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यूपी के हाथरस में हुए दर्दनाक हादसे ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. सत्संग में मची भगदड़ के बाद 100 से ज्यादा लोगों की जान चली गई. इन मौतों के बाद हर-तरफ चीख-पुकार मची हुई है. सबके जेहन में एक ही सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि अचानक हालात इस कदर बिगड़ गए कि लाशों के ढेर लग गए. एफआईआर कॉपी में इस बात का जिक्र है.
बता दें कि हाथरस हादसे में एक FIR दर्ज कराई गई है. इसके मुताबिक, सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र के फुलरई-मुगलगढ़ी के बीच जीटी रोड के पास नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग का आयोजन देवप्रकाश मधुकर और अन्य लोगों ने कराया था. देवप्रकाश हाथरस का ही रहने वाला है और बाबा का मुख्य सेवादार है. आयोजनकर्ताओं ने लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80000 की भीड़ इकट्ठा होने की अनुमति मांगी थी. मगर मौके पर लगभग ढाई लाख से ज्यादा श्रृद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई.
एफआईआर में बताया गया कि मौके पर तैनात पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भीड़ को सामान्य किए जाने का प्रयास किया जा रहा था. क्योंकि सड़क पूरी तरह से जाम हो गई थी. इसी दौरान कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता 'भोले बाबा' प्रवचन समाप्त होने के बाद गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकलने लगे. जिसपर श्रृद्धालुजनों (महिला, पुरुष और बच्चों) द्वारा बाबा की गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया गया. जिसके चलते कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके भक्त दबने-कुचलने लगे, जिससे चीखपुकार मच गई.
बाबा के सेवादारों ने भक्तों को रोका तो बढ़ा भीड़ का दबाव
FIR के मुताबिक, इसके बाद कार्यक्रम स्थल के पास जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए डंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया. जिसके कारण लाखों व्यक्तियों की भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए. भगदड़ में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की स्थति मरणासन्न हो गई. इस घटना में सैकड़ों लोग घायल हो गए, बाद में इनमें से कई लोगों की मौत हो गई. घायलों को हाथरस, अलीगढ़, एटा आदि के अस्पतालों में उपचार के लिए भिजवाया गया.
एफआईआर में कहा गया है कि कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण के लिए आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया. घटना में घायल हुए व्यक्तियों के मौके पर छूटे सामान, कपड़े, जूते, चप्पल को उठाकर पास के खेत में फेंककर साक्ष्य छिपाया गया. इस प्रकार आयोजकों एवं सेवादारों के उक्त कृत्य से बडी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए हैं तथा गंभीर रुप से घायल हैं. आयोजकों एवं सेवादारों का यह कृत्य भारतीय न्याय सहिंता 2023 की धारा 105/110/126(2)/223/238 के अन्तर्गत अपराध है.
बता दें कि हाथरस में हुए इस हादसे को लेकर चौकी इंचार्ज पोरा बृजेश पांडे की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई है. सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देवप्रकाश मधुकर और अन्य अज्ञात सेवादारों के खिलाफ मुकदमा कायम हुआ है. हालांकि, इस एफआईआर में 'भोले बाबा' का नाम नहीं है. फिलहाल, बाबा फरार है.
गौरतलब हो कि हाथरस के एसडीएम ने जिलाधिकारी को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें भी बाबा के चेलों को धक्का-मुक्की करने का दोषी बताया है. एसडीएम ने कहा है कि वो खुद कार्यक्रम स्थल पर थे.
वहीं, इस पूरे मामले में पुलिस-प्रशासन की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे हैं. सीएम योगी ने साफ किया है कि जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा. हादसे के समय एसडीएम और सीओ मौके पर मौजूद थे. आज सीएम खुद हाथरस पहुंच रहे हैं. डीजीपी, मुख्य सचिव और दो मंत्री, कई विधायक पहले से वहां मौजूद हैं.