scorecardresearch
 

बिजनौर: पत्नी से छुटकारा पाने के लिए पति ने रची साजिश, दिव्यांग की जगह बनवा दिया मानसिक रोगी प्रमाण पत्र, सच्चाई जान डॉक्टर भी रह गए हैरान

Bijnor News: पीड़ित पत्नी को जब पति की इस करतूत का पता लगा तो वह अब मानसिक रोगी प्रमाण पत्र को निरस्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा रही है. 

Advertisement
X
बिजनौर: फैमिली संग अस्पताल पहुंची पीड़ित महिला
बिजनौर: फैमिली संग अस्पताल पहुंची पीड़ित महिला

यूपी के बिजनौर में अपनी पत्नी से छुटकारा पाने के लिए एक शख्स ने डॉक्टर से मिलकर उसे मानसिक रोगी करार दिला दिया. जबकि, पत्नी बिल्कुल स्वस्थ थी. पीड़ित महिला को जब पति की करतूत का पता लगा तो वह अब मानसिक रोगी प्रमाण पत्र को निरस्त कराने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के चक्कर लगा रही है. 
 
दरअसल, किरतपुर इलाके की पारुल की शादी करीब 5 साल पहले मुबारकपुर गांव निवासी अनिल कुमार के साथ हुई थी. दोनों के बीच शुरुआती दौर में सब कुछ सामान्य चला लेकिन कुछ समय बाद दोनों के बीच संबंध असामान्य से हो गए. पति अनिल को जब लगा कि पत्नी पारुल उसे कानूनी दांव पेंच में उलझा सकती है तो उसने पीछा छुड़ाने के लिए एक योजना बनाई. 

Advertisement

इसके तहत अनिल ने पारुल को बताया कि वह उसका विकलांग सर्टिफिकेट बनवाएगा, जिससे उसकी सरकारी बस में यात्रा फ्री हो जाएगी. साथ ही सरकार की तरफ से ₹1000 महीना मिलेगा. इस लालच में आकर पारुल सर्टिफिकेट बनवाने के लिए तैयार हो गई. अनिल ने पारुल से कहा कि जब वह उसको डॉक्टर के पास लेकर जाए तो वह डॉक्टर के सवालों का उल्टा-सीधा जवाब दे, जिससे लगे कि वह नॉर्मल नहीं है. ऐसे में उसका सर्टिफिकेट जल्दी बन जाएगा.  

पत्नी को झांसे में लेकर डॉक्टर के पास ले गया पति 

पत्नी को झांसे में लेकर अनिल उसे सरकारी अस्पताल के मनोचिकत्स्क डॉक्टर नितिन कुमार के पास ले गया और बताया की उसकी पत्नी मनोरोगी है और घर में उसकी हरकतें भी पागलों जैसी हैं. डॉ नितिन ने जब पारुल से बातचीत की तो योजना के अनुसार उसने सवालों के उल्टे-सीधे जवाब दिए. जिससे डॉक्टर को भी लगा की पारुल मनोरोगी है.  

Advertisement

डॉक्टर ने बातचीत के बाद पारुल का 70% मनोरोगी होने का 2 साल के लिए प्रमाण पत्र जारी कर दिया. प्रमाण पत्र लेने के बाद पारुल अपनी मायके आ गई और अपनी भाभी से बताया कि पति अनिल ने उसकी विकलांगता का प्रमाण पत्र बनवाया है. इससे उसे सरकारी सुविधाएं मिलेंगी. 

ऐसे खुला राज

मगर जब पारुल की भाभी ने उसका प्रमाण पत्र देखा तो हैरान रह गई. उसने बताया कि ये तो मनोरोगी होने का प्रमाण पत्र है. ये जानकर पारुल को तगड़ा झटका लगा. जिसके बाद वह परिजनों के साथ जिला अस्पताल पहुंची और हंगामा करते हुए प्रमाण पत्र निरस्त करने की मांग की. फिलहाल, डॉक्टर ने उसकी पूरी बात सुनी और मनोरोगी का प्रमाण पत्र निरस्त करने का आश्वासन दिया.  उधर, बिजनौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कौशलेंद्र ने भी मामले की जांच करने की बात कही है. 

Live TV

Advertisement
Advertisement