Ayodhya Ram Mandir: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर में होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह (ram mandir pran pratishtha) की तैयारियां जोरों पर हैं. यहां तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है. इसी कड़ी में श्री राम मंदिर में सोने का पहला (Gold Door) दरवाजा लगाया गया है. यह दरवाजा हैदराबाद की कंपनी ने तैयार किया है. इसमें तमिलनाडु के कारीगरों ने मशक्कत की, जिसके लिए अयोध्या में इसे बनाने की पूरी तैयारी की गई.
राम मंदिर के इन सोने के दरवाजों को हैदराबाद की 100 साल पुरानी कंपनी अनुराधा टिंबर तैयार कर रही है. राम मंदिर में लकड़ी के दरवाजे बनाए जा रहे हैं. इन दरवाजों के लिए अयोध्या में अस्थाई रूप से एक वर्कशॉप चल रही है, जिसमें ये गेट बनाए जा रहे हैं. इस वर्क शॉप में काम कर रहे शेखर दास का कहना है कि जो दरवाजे बनाए गए हैं,
लकड़ी के दरवाजों पर तमिलनाडु के कारीगरों ने की है नक्काशी
राम मंदिर के दरवाजों की डिजाइन को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है. हिंदू धर्म में जो शुभता के प्रतीक चिह्नों को उकेरा गया है. लकड़ी के दरवाजों पर नक्काशी तमिलनाडु के कारीगरों ने की है. दरवाजों पर नागर शैली के निर्माण की झलक भी देखने को मिलेगी. इन दरवाजों पर सोने की परत चढ़ाई गई है.
दरवाजों पर उकेरे गए हैं कमल दल, हाथी, झरोखे जैसे डिजाइन
मंदिर के गर्भगृह में मुख्य द्वारों की पूजा की जा चुकी है. गर्भगृह के दोनों तरफ दरवाजे लगाए जा रहे हैं. मंदिर निर्माण स्थल के पास वर्कशॉप चल रही है, जिसमें इन दरवाजों को तैयार किया गया है. इन दरवाजों पर कमल दल, हाथी, झरोखे जैसे डिजाइन बने हैं, जो भव्य दिख रहे हैं.
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बता दें कि अयोध्या में 22 जनवरी को भव्य प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम होना है. मंदिर के भव्य निर्माण के साथ ही सोने का पहला दरवाजा लगाया गया है. यहां सोने के 13 और दरवाजे लगाए जाने हैं, जिसकी तैयारी हो रही है.
भगवान के भक्तों का अयोध्या पहुंचने का सिलसिला जारी
प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम भक्त अयोध्या पहुंचने लगे हैं. यह सिलसिला जारी है. भगवान के भक्त अपने-अपने अंदाज में राम लला के लिए भेंट लेकर अयोध्या पहुंच रहे हैं. इसी कड़ी में यूपी के कन्नौज से कुछ भक्त इत्र-अगरबत्ती लेकर पहुंचे तो कुछ श्रद्धालु मध्य प्रदेश के रतलाम से चांदी का दीपक लेकर पहुंचे हैं.
अयोध्या में 8 फीट की जटायु की मूर्ति भी की गई है स्थापित
राम मंदिर के निर्माण के साथ ही कई कलाकारों ने कुछ ऐसा काम किया है, जिससे उनका नाम भी इतिहास में दर्ज हो गया है. गाजियाबाद के मूर्तिकार अनिल सुतार ने जटायु की विशाल मूर्ति तैयार की है, इस मूर्ति को उन्होंने 3 महीने की मशक्कत से बनाया है. जटायु की यह मूर्ति 8 फीट की है, जो अयोध्या पहुंचाई जा चुकी है. इस मूर्ति को दक्षिण पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीला पर स्थापित किया गया है, इस जगह पर भगवान शिव के प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ है.