प्रयागराज में महाकुंभ के आगाज से पहले आजतक की धर्म संसद की शुरुआत हो चुकी है. धर्म संसद में धार्मिक गुरु और राजनीतिक दिग्गज शामिल हो रहे हैं जो कई मुद्दों पर अपने विचार रख रहे हैं. धर्म संसद में बीजेपी नेता और यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य शामिल हुए, उन्होंने कहा कि पहले और अब के कुंभ में लगातार अंतर इसलिए बढ़ रहा है. 2019 के अर्ध कुंभ में 24 करोड़ लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी, ऐसा आंकड़ा आया है.
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने आजतक की धर्म संसद में कहा कि मेरे लिए सौभाग्य की बात है, अतिथि देवो भव भावना से ओतप्रोत भारत और देवराज प्रयाग, जहां हर छह साल में अर्ध कुंभ और हर 12 साल में महाकुंभ और हर साल माघ मेला. कहने को तो ये सच है कि हम प्रयाग वासी होने के नाते मेजबान भी हैं. और यहां के प्रधान देवता के रूप में जाने जाते हैं, भगवान मेड़ी माधव जी. वही इस पूर्णा आयोजन की व्यवस्था संभालते हैं. हम लोग तो प्रतीक मात्र हैं.
अर्ध कुंभ में 24 करोड़ लोगों ने किया स्नान
जब उनसे पूछा गया कि पहले के कुंभा और इस बारे के कुंभ में क्या अंतर है. इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पहले और अब में अंतर इस लिए बढ़ रहा है. 2019 के अर्ध कुंभ में 24 करोड़ लोगों ने स्नान किया था. ऐसा आंकड़ा आया है, उस आंकड़े के अनुसार जब अर्ध कुंभ में 24 करोड़ लोग आए थे तो महाकुंभ 2025, जिसके बारे में कहा जाता है कि ये एक दुर्लभ संयोग है और 144 सालों को बाद ऐसा कुंभ आ रहा है. मैंने तो 2019 में भी सरकार में रहते हुए जिम्मेदारी निभाई थी और 2025 में भी जिम्मेदारी निभा रहा हूं. जब 2013 में महाकुंभ हुआ था, तब मैं विधायक था. उस वक्त समाजवादी पार्टी की सरकार थी. उस वक्त तीर्थयात्रियों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ा था. अखिलेश ने कुंभ की बागडोर आजम खान को सौंप दी थी, जिससे मेले में जैसी व्यवस्था होनी चाहिए थी. वैसी व्यवस्था नहीं हुई थीं. लेकिन 2019 में हमने जोर दिया था कि कोई भी आव्यवस्था न होने पाए.
उन्होंने कहा कि 2025 के महाकुंभ के लिए 2019 के मुकाबले और ज्यादा शानदार व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है. अभी जो व्यवस्था बाकी है, उसे भी मेले के आगाज से पहले पूरा कर लिया जाएगा.
सपा पर साधा निशाना
केशव प्रसाद ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने शीशे का घर अपना बनाया और खुद उसी में पत्थर मार लिया. अगर वो 2013 का बात नहीं करते, चाहे अखिलेश यादव या सपा के कोई भी नेता तो शायद उनसे कोई सवाल नहीं करता. अखिलेश के कार्यकाल में संपन्न हुए कुंभ की दुर्दशा शब्दों में बयां नहीं की जा सकती है.
डिप्टी सीएम ने आजतक के कार्यक्रम धर्म संसद की तारीफ करते हुए कहा कि मां गंगा के किनारे से देश-दुनिया में कुंभ का संदेश भी जा रहा है.
'डबल इंजन की सरकार का होता है फायदा'
केशव प्रसाद ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा कि देखिए, डबल इंजन की सरकार का फायदा होता जरूर है कि केंद्र सरकार मदद करती है राज्य को. अगर मदद लेने का काम, जिस प्रकार से करना चाहिए अगर इस प्रकार से करती है तो नरेंद्र मोदी सरकार तो लगातार विकास के काम के लिए तैयार रहती है. विपक्ष को सिर्फ पेट में दर्द ये है कि कुंभ इतना अच्छा क्यों हो जा रहा है.
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या ये बड़े-बड़े आयोजन चुनाव से जुड़ते है तो उन्होंने कहा कि कुंभ का आयोजन युगों-युगों से हो रहा है. रामलाल के प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम राष्ट्र के स्वाभिमान से जुड़ा हुआ था. वह चुनाव से जुड़ा विषय नहीं था. प्रयागराज का महाकुंभ चुनाव का हिस्सा नहीं है. चुनाव तो आते जाते रहते हैं, लोकतंत्र में हर पांच साल में चुनाव होते रहते हैं. जहां चुनाव हो रहे हैं, वह हम जीत रहे हैं और यूपी में तीसरी बार निश्चित तौर पर सरकार बनाएंगे.
कितना बड़ा चैलेंज है महाकुंभ
इतना बड़ा संमागम है, इतनी बड़ी संख्या में एक जगह पर एक उद्देश्य से लोग एकत्रित नहीं होते. आज पृथ्वी के सबसे बड़े समागम यानी महाकुंभ में 40 से 50 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है. तो तैयारियां तो हमारी हैं. लेकिन चुनौतियां हम मानते हैं, जिसके लिए हमने अपनी मशीनरी को लगाया है वो लोगों की मदद करेंगे और अच्छा व्यवहार करेंगे.
कुंभ में मुसलमानों को दुकान लगाने की परमिशन नहीं है?
इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये कोई सरकारी आदेश नहीं है. आदेश ये है कि यहां सब पवित्र भाव से आते हैं, कोई कल्पवासी है तो अनुष्ठान कर रहा है. तो कुंभ मेला क्षेत्र का न पानी पीता है न खाना खाता है. साधु-संतों का अपनी साधना है. उनकी साधना में कोई विघ्न डालने वाली हरकत न करे. ऐसी अपेक्षा मेला प्रशासन की ओर से सरकार की ओर से है. पर किसी के प्रति भेदभाव की भावना नहीं है. जो मेले में आना चाहता है, उसका स्वागत है. पर इसको इस रूप में प्रचार करने की जरूरत नहीं है कि किसी को आने की पाबंदी है.
क्या यहां वक्फ की भी जमीन है?
उन्होंने कहा कि अगर मैं ये कहूं तो कि जब इस्लाम पैदा नहीं हुआ था. तब से कुंभ हो रहा है. इस्लाम की उम्र तो 14 सौ साल की है ना. कुंभ तो युगों-युगों का है. उस पर अगर को वक्फ की बात करता है तो ये प्रचार पाने का बहुत ही घटिया तरीका है. ऐसे लोगों की पूरे देश के लोगों को निंदा करनी चाहिए. इस तरह के बयान का कोई महत्व नहीं है.
संभल में हरिहर मंदिर के मुद्दे पर बोलते हुए केशव प्रसाद ने कहा कि देखिए, एक आस्था रखने वाले व्यक्ति के रूप में, हरिहर मंदिर की जानकारी हमारे धर्मग्रंथों में भी है. पर हम लोग न्यायपालिका का सम्मान करते हैं और ये मामला भी न्यायपालिका के विचाराधीन है. हम इस देश में सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास के भाव से काम करते हैं.
'अगर कोई मस्जिद घेर कर बैठा है तो...'
उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर किसी कोई मंदिर था और वह प्राप्त हो रहा है तो विवाद नहीं, संवाद की जरूरत है. किसी भी मंदिर को किसी डर या भय के कारण बंद कर दिया गया था तो अगर किसी वहां पूजा करना चाहता है तो सरकार के नाते हमारी जिम्मेदारी है कि हम उस जिम्मेदारी को निभाएं. कहीं कोई मंदिर है, धर्मशाला हैं या कोई धार्मिक स्थल है या कोई जगह ऐसी हो जहां मस्जिद को भी इस प्रकार से घेर कर बैठा है तो वह बताएं और वह भी अपना धर्म स्थल ले जाएं. सरकार का काम कानून व्यवस्था बनाए रखना है.