उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में आजतक चैनल पर आई खबर का जोरदार असर हुआ है. खबर प्रसारित होने के बाद जिला प्रशासन ने नेत्रहीन बुजुर्ग लवकुश मौर्य को कंबल दिया है. दरअसल, आजतक ने जब खबर को प्रमुखता से चलाया, तो जिला प्रशासन हरकत में आया और लेखपाल के जरिए अंधे बुजुर्ग को कंबल दिलाया. अंधे बुजुर्ग लवकुश मौर्य ने बताया कि वह कल कंबल लेने गया था. वह गिड़गिड़ाता रहा और उसे वापस भेज दिया गया. लेकिन आज लेखपाल ने उसे दो कंबल दिए हैं.
इस मामले में तहसीलदार अनंतराम अग्रवाल ने बताया कि लवकुश मौर्य शनिवार को तहसील दिवस में आया था. उस समय तहसील में कंबल उपलब्ध नहीं थे. उससे कहा गया था कि कुछ दिन बाद इंतजाम कर देंगे. लेकिन अब गांव के लेखपाल को बुलाकर उसे कंबल दिया गया है. उसे कंबल मिल गया है. तहसील को 1,322 कंबल मिले थे. पूरी तहसील में 297 गांव हैं, जो कंबल आए थे, उन्हें लेखपाल द्वारा गरीबों में वितरित कर दिया गया है.
बता दें कि यह घटना सिराथू तहसील के समाधान दिवस के दौरान हुई, जहां लवकुश मौर्य नामक नेत्रहीन बुजुर्ग अपने साथी के साथ कंबल की उम्मीद लेकर पहुंचे थे. ठंड से बेहाल लवकुश मौर्य ने तहसीलदार अंनत राम जायसवाल से मदद की गुहार लगाई, लेकिन वे मोबाइल में व्यस्त रहे और टालमटोल करते हुए कहा कंबल खत्म हो गए, आएंगे तो दिलवाएंगे.
वायरल वीडियो में लवकुश मौर्य ने तहसीलदार से कहा, 'हम अंधे हैं, दोनों आंखें खराब हैं, सौ परसेंट अंधे हैं, हमारे कागज देख लीजिए, हमको कंबल चाहिए साहेब.' तहसीलदार ने जवाब दिया, 'तो अभी तक आपको कंबल नहीं मिला?' लवकुश ने कहा, 'अभी कहां साहेब, लेने ही नहीं आए. जाड़े के मारे हिम्मत ही न पड़ रही.' फिर तहसीलदार ने कहा कि 250 कंबल बंट चुके हैं और बाकी नहीं हैं, लेकिन जब कंबल आएंगे तो देंगे, लेकिन इस दौरान लवकुश की परेशानियों की कोई परवाह नहीं की गई.
देखें वीडियो...
वीडियो में लवकुश मौर्य बार-बार कंबल की मांग करते हुए कहते हैं, 'साहेब, हम बहुत परेशान हैं, जाड़े में हमें कंबल चाहिए, हमारी मदद करें.' लेकिन जिम्मेदार अधिकारी मोबाइल पर लगे रहे और मामले को टालते रहे. मगर, आजतक ने जब खबर को प्रमुखता से चलाया, तो जिला प्रशासन हरकत में आया और रविवार को लेखपाल के जरिए अंधे बुजुर्ग को कंबल दिलाया.