कानपुर आयकर विभाग की टीम ने बेनामी संपत्ति के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 11 प्रॉपर्टीज को कुर्क किया है. इसे ड्राइवर या किसी और के नाम से खरीद कर एजेंसी की निगाहों से बचाने की कोशिश हो रही थी. आयकर विभाग ने शहर में ऐसी कई बेनामी संपत्तियों की सूची भी तैयार की है, जिन्हें लोगों ने अपने ड्राइवर या फिर नौकरों के नाम पर ले रखी है. जल्द ही इस पर कार्रवाई हो सकती है. आयकर विभाग ने दो मामलों में करीब 7-8 करोड़ की बेनामी संपत्तियों को कुर्क किया है.
कल्याणपुर के रहने वाले वकील अभिषेक शुक्ला ने एक दलित की जमीन को खरीदने के लिए अपने दो दलित करीबियों का इस्तेमाल किया. इसके बाद बिठूर में रहने वाले मृतक दलित घसीटाराम की कई बीघे जमीन को उनके पोते मनीष से मिलीभगत करके खरीद लिया.
ऐसे हुआ पौसों के लेन-देन
सरकार और एजेंसीज की नजर से बचने के लिए पैसा, जो कि अभिषेक शुक्ला का था, उसे सबसे पहले उसके दोनों करीबियों एकलव्य कुरील और करण कुरील के अकाउंट में डाल दिया. फिर उनके अकाउंट से पैसा घसीटा राम और उसके पोते मनीष सिंह के जॉइंट अकाउंट में भेजा. जॉइंट अकाउंट से यह पैसा मनीष सिंह के अकाउंट में भेजा गया. फिर मनीष सिंह के अकाउंट से असली मालिक अभिषेक शुक्ला के अकाउंट में पैसा भेजा गया.
अभिषेक शुक्ला की 10 संपत्तियां कुर्क
इस तरीके से वकील अभिषेक शुक्ला ने 10 प्रॉपर्टी मनीष सिंह की मदद से खरीदी. ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि SC/ST भूमि कानून के अंतर्गत एक दलित दूसरे दलित की जमीन खरीद सकता है. करोड़ों की जमीन की खरीद-फरोख्त करने की भनक लगने पर आयकर विभाग की बेनामी संपत्ति विंग ने वकील अभिषेक शुक्ला की 10 संपत्तियों को कुर्क किया है.
जमीनों पर जाकर विभाग ने लगाए बोर्ड
बेनामी संपत्तियों को कुर्क करने के लिए इन जमीनों पर टीम ने जाकर अपने बोर्ड लगाए और मुनादी के साथ संपत्तियों को कुर्क किया. इस पूरे खेल में वकील अभिषेक शुक्ला के साथ मृतक किसान घसीटाराम का पोता मनीष (जिनके नाम पर जमीन खरीदी गई) और एकलव्य जांच के दायरे में आए हैं.
आयकर विभाग की यह दूसरी कार्रवाई
इसी तरह बेनामी संपत्ति की दूसरी बड़ी कार्रवाई सूरज सिंह पटेल और उनकी पत्नी रीना सिंह पर हुई है. उन्होंने अपने ड्राइवर धर्मेंद्र के नाम पर करीब 55 लाख रुपये की जमीन खरीदी थी. ये दंपत्ति ओबीसी है लेकिन दलित की जमीन को अपने एससी ड्राइवर धर्मेंद्र के नाम पर खरीदा था. आईटी की बेनामी संपत्ति विंग ने उनके भी करीब 55 लाख रुपये की बेनामी संपत्ति को कुर्क कर लिया है. ये दंपत्ति कानपुर के रहने वाले हैं. मौजूदा समय में बहरीन में काम करते हैं.