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बाहुबली अतीक अहमद (Atiq Ahmed) की आज यानी मंगलवार को प्रयागराज की एमपी-एमएलए कोर्ट में पेशी होगी. बता दें, अतीक 17 साल पुराने उमेश पाल अपहरण कांड में मुख्य आरोपी है. उमेश ने उस समय आरोप लगाया था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद ने उसका अपहरण करवाया. उसके साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी दी, क्योंकि वह राजू पाल हत्याकांड का एकमात्र गवाह था. आखिर क्या हुआ था उमेश के अपहरण के दिन चलिए जानते हैं....
उमेश ने बताया था कि 28 फरवरी 2006 को अतीक अहमद की लैंड क्रूजर कार समेत एक अन्य वाहन ने उसका रास्ता रोका और घेर लिया. उस कार से दिनेश पासी, अंसार बाबा और अन्य शख्स उतरा. उन्होंने उस पर पिस्तौल तान दी और कार में खींच लिया. इस कार के अंदर अतीक अहमद और तीन अन्य लोग राइफल लेकर बैठे थे. इन लोगों ने उससे मारपीट की और चकिया स्थित अपने दफ्तर लेकर पहुंचे. उसे एक कमरे में बंद कर दिया गया और मारपीट की गई. करंट के झटके लगाए गए.
पर्चा थमाया और बयान रटने को कहा
पुलिस को उमेश ने बताया था, ''आरोपियों ने मुझे धमकी दी थी कि राजू पाल हत्याकांड में बयान बदल लो, वरना परिवार समेत जान से मार दिए जाओगे. अतीक ने अपने वकील खान हनीफ से लेकर पर्चा लेकर मुझे दिया और कहा कि इसको पढ़कर रट लो. कल अदालत में यही बयान देना है. वरना तुम्हारी बोटी-बोटी काटकर कुत्तों को खिला दूंगा.''
उमेश के परिवार को भी दी धमकी
उमेश ने आगे बताया था कि सांसद ने उसी रात अपने गुर्गों को मेरे घर भेजा और मेरे परिवार को धमकाया कि तुम लोग पुलिस को टेलीफोन न करना, वरना उमेश की हत्या कर दी जाएगी. मुझे रातभर कमरे में बंद करके प्रताड़ित किया गया. सुबह अतीक और उसके साथी मुझे गाड़ी में बैठाकर ले गए. आरोपियों ने कहा कि कल रात जो पर्चा में लिखकर दिया था, उसे कोर्ट में जाकर पढ़ देना. नहीं तो घर लौटकर नहीं जा पाओगे. मैं उस समय डर गया और परिवार की सलामती के लिए वही कहा, जो अतीक ने पर्चे में लिखकर दिया था.
'मेरी मजबूरी का अतीक ने उठाया फायदा'
उमेश ने शिकायती पत्र में आगे लिखा था- इससे पहले मैंने हाई कोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए एक रिट दायर की थी. सुरक्षा समिति ने भी मेरी जान को खतरा बताया. लेकिन मुझे 100 प्रतिशत भुगतान पर गार्ड देने की बात कही गई. मेरी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि मैं पैसों का भुगतान कर सकूं. मेरी मजबूरी का सांसद अतीक अहमद ने फायदा उठाया और मुझे अदालत में झूठा बयान देने के लिए मजबूर किया. मुझे यह भी पता चला कि अतीक ने अन्य लोगों से भी अदालत में झूठे बयान करवाए हैं. प्रार्थना है कि मेरे साथ हुई घटना की रिपोर्ट दर्ज कर अदालत में दिए गए बयान को असत्य समझा जाए. मेरी और मेरे परिवार की जान माल की हिफाजत की जाए.
बता दें, उमेश की शिकायत के एक साल बाद पुलिस ने 5 जुलाई 2007 को अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. इस केस में कोर्ट सुनवाई पूरी कर चुका है. आज कोर्ट दोष सिद्ध और सजा भी सुना सकती है. जज डीसी शुक्ला की कोर्ट ने अतीक को 28 मार्च को सुबह 11 बजे पेश करने का आदेश दिया था, जिसके बाद यूपी पुलिस उसे अहमदाबाद की साबरमती सेंट्रल जेल से लेकर सोमवार शाम प्रयागराज पहुंची. अतीक को पुलिस ने नैनी सेंट्रल जेल में रखा है. अतीक के अलावा उसके भाई अशरफ समेत अन्य आरोपियों की भी कोर्ट में पेशी होगी. पुलिस की चार्जशीट में 11 आरोपियों का जिक्र है.
क्या था वो राजू पाल हत्याकांड जिसका गवाह था उमेश
25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस केस में अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ समेत 5 आरोपी नामजद थे. जबकि, चार अज्ञात को आरोपी बनाया था. इस केस में राजू पाल के रिश्तेदार उमेश पाल मुख्य गवाह था. 11 आरोपियों में से एक की मौत हो चुकी है. जबकि, 10 आरोपियों पर आरोप तय हुए हैं जिसमें अतीक अहमद, उसका भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ, उसके गुर्गे आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली, जावेद इसरार, एजाज़ अख्तर, दिनेश पासी और दो अन्य लोग शामिल हैं.