यूपी की खतौली विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने जा रहे हैं. यहां आरएलडी और बीजेपी के बीच सीधी टक्कर है. सपा की सहयोगी आरएलडी से मदन भैया उम्मीदवार हैं. उनके प्रचार में आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने पूरी ताकत लगा रखी है. आजतक ने जयंत चौधरी से बातचीत की है और उनसे चुनाव को लेकर आरएलडी की रणनीति के बारे में चर्चा की. जयंत ने बीजेपी पर किसानों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया.
सवाल- खतौली में चुनाव और चुनावी मुद्दे क्या हैं?
जवाब- मैं यह नहीं कहूंगा कि ये चुनाव मेरे कंप्लेन पर आया है, जो कानून का उल्लंघन हुआ जो गंभीर आरोप उन पर भी साबित हुए- कोर्ट ने सजा सुनाई, उसके बाद तो चुनाव होना ही था. जो नियम है सबके लिए एक है. यह कुछ सही है कि कुछ देर हो रही थी कार्यवाही में. विधानसभा से जवाब आया, उसके बाद कार्रवाई हुई.
सवाल- क्या इस उपचुनाव में जयंत चौधरी की प्रतिष्ठा दांव पर है?
जवाब- प्रतिष्ठा मेरी नहीं, हम सब की है. सरकार ने किसान के लिए अभी तक गन्ने का रेट निर्धारित नहीं किया. जबकि 15 दिन से मिल चालू हैं. इससे बड़ा अन्याय और क्या है. और भी मुद्दे हैं- बेरोजगारी है. शिक्षक भर्ती में आपने देखा कितना बड़ा घोटाला है. अगर कोई भी भर्ती होती है, उसमें घोटाला सामने आता है. ये बहुत बड़ा इशू है. सरकार अग्निवीर योजना लाई, उसका विरोध नौजवानों ने खुद किया. नौजवानों ने सोचा कि अब नौकरी करना है. भले 4 साल की मिले. योजना पूरी तरह से खल रही है.
सवाल- डोर टू डोर कैंपेन और micro कैंपेन पर क्या कहेंगे?
जवाब- भावनात्मक जुड़ाव सबका है. जब कोई किसी के घर पर आता है तो सब सम्मान करते हैं. इस बार हमको भरोसा है. इस बार जन भावना हमारे साथ है. भीम आर्मी के गठबंधन में आने पर कहा कि अब चंद्रशेखर गठबंधन में हैं.
उन्होंने आगे कहा- जातिगत कॉन्बिनेशन नहीं है. हम सभी वर्गों को जोड़ पाएंगे और किसान का मेरा वर्ग एक ही है, उनके साथ मेरे रिश्ते हमेशा अच्छे रहे. राजनीति पर एक माध्यम होता है जो पॉलीटिकल फेस होता उसका एक प्रभाव पड़ता है. सामाजिक ताना-बाना मायने रखता है. अनुसूचित और जनजाति के लोग एक साथ रहें और जो चंद्रशेखर आए हैं तो अच्छा होगा. गगठबंधन चुनाव में साथ हैं. प्रयास सार्थक साबित होंगे. उनका रुझान इस बार हमारे प्रति रहेगा. आप देख सकते हैं तीनों लोग एक साथ चलने के लिए एक गाड़ी पर चल रहे हैं. तीनों एक साथ रहेंगे. 3 दिसंबर को रामपुर जा रहा हूं.
सवाल- गुजरात चुनाव के बीच कॉमन सिविल कोड का मुद्दा उठा है?
जवाब- देखें ये कोई चुनावी मुद्दा नहीं है. जब पार्लियामेंट में ये मुद्दा आएगा, तब हम अपनी राय रखेंगे. ये ठीक नहीं है. बीजेपी हर चुनाव में मुद्दे उठाती है. जैसे हर चुनाव में किसान याद आ जाते हैं. अभी चुनाव हैं तो याद कर लिया. किसानों को लेकर आज तक कुछ किया हो तो बता दें.
सवाल- पीएम ने गुजरात में आतंकवाद और बाटला हाउस का मुद्दा उठाया है?
जवाब- इनका ट्रैक रिकॉर्ड देखें. पड़ोसी किसी देश से हमारे संबंध ठीक नहीं रहे. आतंकवादी गतिविधियां ज्यादातर बढ़ गई हैं, पिछले 8 साल में कितने जवान शहीद हुए हैं. ज्यादा घटनाएं हो रही हैं. वे कह रहे हैं कि टेररिज्म को कंट्रोल किया है. अगर ऐसा होता तो जमीन पर भी तस्वीर दिखनी चाहिए.
सवाल- एक्ट्रेस ऋचा चड्ढा ने गलवान को लेकर टिप्पणी की, उस पर विवाद उठा है?
जवाब- इतनी अभिव्यक्ति की आजादी सबको मिलनी चाहिए. हालांकि इस तरह से आर्मी को लेकर पॉलिटिक्स कर रहे हैं, यह ठीक नहीं है. किसी के कुछ कह देने से फर्क नहीं पड़ता है.
जनता जनार्दन है. 2024 के अपने मुद्दे सामने आएंगे. सरकार की विफलता है. आर्थिक क्षेत्र में कुल परिवर्तन हुआ. जो सारे काम छोटे स्तर पर होते थे, वे और कमजोर हो गए हैं. सरकार ने जो नोटबंदी का फैसला लिया था, उसका प्रभाव लोगों की आमदनी पर पड़ रहा है. बाकी हमारा गठबंधन आपस में मजबूत है. दोनों पार्टी के कार्यकर्ता जनसभा में जुड़ रहे हैं.
सवाल- शिवपाल की अखिलेश से सुलह हो गई. डिंपल को गवाह बनाया गया है.
जवाब- वह घर के बड़े हैं. जो करना होता है वह करेंगे. जब घर में अच्छे रिश्ते हों तो बड़ों का बड़ा आशीर्वाद होता है. मैं आज अपने घर में खड़ा हूं. यह आप देख रहे हैं और आगे हमें यह मजबूत बनाएंगे.
सवाल- 2024 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ गठबंधन को लेकर क्या राय है?
जवाब- पहले मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि बीजेपी के खिलाफ गठबंधन नहीं बनना है. अगर हम गठबंधन बनाएंगे तो देश के लिए बनाएंगे. हमारी अपनी लीडरशिप है. ये कोई आर्गुमेंट नहीं है. कोई यह नहीं कि एक ही आदमी है प्रधानमंत्री पद के लायक. हमारे पास कई नाम हैं. एक नाम नीतीश कुमार भी हैं, जिनका एक लंबा ट्रैक रिकॉर्ड है.
2024 को लेकर राजनीति में भावना सारी एक होती है. हम लोग आपस में एक समझ बनाएंगे. संयुक्त एजेंडा घोषित करेंगे. अभी वह आगे की बातें भी देखेंगे. हम खतौली का उपचुनाव देखेंगे.