उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद रहे माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की 28 मार्च को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जिसके बाद न्यायिक और मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए गए थे. उसी क्रम में मुख्तार के परिजनों को भी अपना बयान देने के लिए जांच टीम ने चिट्ठी भेजी है. जिसमें उन्हें 15 अप्रैल तक का समय भी दिया गया है.
ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या मुख्तार के परिजन बयान देने के लिए कोर्ट में पेश होंगे. जांच के बाद रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजी जाएगी. बता दें कि 28 मार्च को मुख्तार की मौत के बाद परिजनों ने जेल प्रशासन पर स्लो पॉइजन देकर मुख्तार को मारने का आरोप लगाया था. मुख्तार के भाई अफजाल अंसारी का तो यहां तक कहना है कि बकायदा पूरी साजिश के तहत मुख्तार को जहर दिया गया और उनकी हत्या की गई है. इसके बाद न्यायिक और मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए गए थे.
मुख्तार के परिजनों को दिया गया 15 अप्रैल तक का समय
ADM वित्त राजेश कुमार ने बताया कि मुख्तार के परिजनों को 15 अप्रैल तक समय दिया गया है. वो ADM ऑफिस आकर अपना बयान दर्ज करा सकते हैं. वहीं न्यायिक जांच के लिए सिविल जज ने लेटर जारी कर उन्हें 20 अप्रैल तक समय दिया है.
दो टीमें कर रही हैं मुख्तार अंसारी की मौत की जांच
जानकारी के मुताबिक अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट गरिमा सिंह ने 6 अप्रैल को एक नोटिस सार्वजनिक करके लोगों से अपील की थी. इसमें कहा गया कि कोई भी मुख्तार की मौत के संदर्भ में बयान देना चाहता हो तो वह जांच कमेटी के सदस्यों के समक्ष अपने बयान दर्ज करवा सकता है.
28 मार्च को हार्ट अटैक से हुई थी मुख्तार अंसारी की मौत
बीते 26 मार्च को मुख्तार को स्टूल सिस्टम की समस्या के चलते उसे बांदा के रानी दुर्गावती मेडिकल कालेज में भर्ती कराया गया था. जहां 14 घंटे इलाज के बाद उसे उसी दिन देर शाम को कड़ी सुरक्षा के बीच जेल शिफ्ट किया गया था. लेकिन 28 मार्च को देर शाम उसकी तबीयत फिर बिगड़ी और जेल प्रशासन ने प्राथमिक उपचार के बाद मुख्तार को फिर से मेडिकल कॉलेज लेकर गए. जहां हार्ट अटैक से उसकी मौत हो गई थी.