नोएडा पुलिस ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगाने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस के मुताबिक सट्टेबाजी गिरोह पिछले छह साल से अधिक समय से दिल्ली एनसीआर में सक्रिय है और उसका दुबई तक कनेक्शन है.
पुलिस ने बताया कि गिरोह हाल ही में नोएडा चला गया था और 50 हजार रुपये महीना किराए पर एक पॉश ग्रुप हाउसिंग सोसायटी के एक फ्लैट से काम कर रहा था. पुलिस उपायुक्त (नोएडा) हरीश चंदर ने कहा कि फ्लैट सेक्टर 39 पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत सेक्टर 100 में लोटस बुलेवार्ड सोसायटी में स्थित था.
चंदर ने कहा,'एसीपी रजनीश वर्मा के नेतृत्व में और एडीसीपी शक्ति मोहन अवस्थी की देखरेख में एक टीम ने शुक्रवार को फ्लैट पर छापेमारी की और मौके से चार लोगों को गिरफ्तार किया. छापेमारी के दौरान मोबाइल फोन, लैपटॉप सहित इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए. फ्लैट से टीवी सेट, कुछ डेबिट/क्रेडिट कार्ड, पासपोर्ट और आधार कार्ड भी जब्त किए गए.'
यह गिरोह 'टेस्ला 2' नाम से सट्टेबाजी गिरोह चला रहा था. ग्रुप के सदस्य पिछले छह सालों से आईपीएल क्रिकेट मैचों पर सट्टेबाजी में लगे हुए थे. हालांकि, इसका संचालन दिल्ली से हो रहा था. डीसीपी ने कहा कि इस महीने की शुरुआत में ग्रुप के सदस्य नोएडा के इस फ्लैट में आ गए थे. अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम ने मौके से 3.79 लाख रुपये नकद जब्त किए, जबकि फ्लैट से करीब 4 लाख रुपये की विदेशी मुद्राएं भी मिलीं.
पुलिस के मुताबिक, विदेशी मुद्राएं अमेरिका, यूएई, मलेशिया, ओमान, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, सिंगापुर और थाईलैंड की हैं. इसके अलावा पुलिस को आरोपियों से जुड़े छह बैंक खाते भी मिले हैं, जिनमें करीब 11 लाख रुपये जमा हैं. पुलिस का कहना है कि पकड़े गए लोगों की पहचान गिरोह के मुख्य व्यक्ति गौरव गुप्ता, उसके सहयोगियों नितिन गुप्ता, दिनेश गर्ग और अजीत सोहेल के रूप में हुई है.
पुलिस ने बताया कि गौरव दिल्ली-NCR के सट्टेबाजों में एक जाना पहचाना चेहरा है. पहले भी कुछ मामलों में शामिल रहा है. गौरव गुप्ता, दिनेश गर्ग और अजीत सोहेल इस साल अप्रैल से मई तक 45 दिनों के लिए दुबई के पास भेड़ा नामक स्थान पर थे. वे वहां किराये पर रहते थे और इस दौरान उन्होंने आईपीएल मैचों पर सट्टा लगाया और काफी मुनाफा कमाया. उन्होंने कहा कि वे दुबई क्यों गए, क्योंकि वहां रहकर उनका सट्टेबाजी का काम आसान हो गया था. पुलिस को आरोपियों के पास से कुछ जाली आधार कार्ड और फर्जी पहचान पर खरीदे गए सिम कार्ड भी मिले हैं.