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'लगता है कलयुग आ गया...', 80 और 76 साल के कपल के गुजारा भत्ता केस में हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

बुजुर्ग महिला गायत्री देवी ने फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की और कहा कि पति की पेंशन करीब 35 हजार रुपए है. उन्होंने आजीविका के लिए हर महीने 15 हजार रुपये दिए जाने की मांग की, लेकिन फैमिली कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने आदेश में 5 हजार गुजारा भत्ता देने के लिए कहा.

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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले में टिप्पणी की है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले में टिप्पणी की है.

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुजुर्ग दंपति के बीच गुजारा भत्ते को लेकर चली आ रही लंबी कानूनी लड़ाई को लेकर अहम टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा, लगता है कि कलयुग आ गया है और ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है.

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मामला अलीगढ़ का है. वहां 80 साल के मुनेश कुमार गुप्ता स्वास्थ विभाग में सुपरवाइजर के पद से रिटायर हुए हैं. उनकी पत्नी गायत्री देवी (76 वर्ष) के बीच 2018 से संपत्ति का विवाद चल रहा है. मामला पुलिस के बीच पहुंचा और इसे परिवार परामर्श केंद्र ट्रांसफर कर दिया गया. हालांकि, बात नहीं बन सकी. उसके बाद दोनों अलग रहने लगे. 

पत्नी ने मांगा है गुजारा भत्ता

गायत्री देवी ने फैमिली कोर्ट में याचिका दाखिल की और कहा कि पति की पेंशन करीब 35 हजार रुपए है. उन्होंने आजीविका के लिए हर महीने 15 हजार रुपये दिए जाने की मांग की, लेकिन फैमिली कोर्ट ने 16 फरवरी को अपने आदेश में 5 हजार गुजारा भत्ता देने के लिए कहा. पति ने इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी, जिस पर अब सुनवाई चल रही है.

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'ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय'

जस्टिस सौरभ श्याम शमशेरी इस याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. उन्होंने टिप्पणी करते हुऐ कहा, लगता है कलयुग आ गया है और ऐसी कानूनी लड़ाई चिंता का विषय है. उन्होंने दंपति को सलाह देने की भी कोशिश की. 

गायत्री का कहना था कि हमने गुजारा भत्ता मांगा था और फैमिली कोर्ट ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है. उसके बाद पति ने कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. 

फिलहाल, हाईकोर्ट ने गायत्री को नोटिस जारी किया है और कहा, हमें उम्मीद है कि अगली सुनवाई तक वो किसी समझौता तक पहुंच जाएंगी.

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