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'मेरे ऊपर रात में लिखा गया मुकदमा, 3 घंटे में किया गिरफ्तार...' बोले धनंजय सिंह

जेल से जमानत पर रिहाई मिलने के बाद बाहुबली धनंजय सिंह इन दिनों अपनी पत्नी के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. अब उन्होंने आजतक को दिए इंटरव्यू में कहा कि मेरे ऊपर 10:30 बजे रात में मुकदमा लिखा गया, 3 घंटे के अंदर गिरफ्तारी भी हो गई और इस मामले में मुझे सजा भी सुना दी गई.

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धनंजय सिंह. (फाइल फोटो)
धनंजय सिंह. (फाइल फोटो)

इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी बाहुबली धनंजय सिंह को रिहाई मिल गई है. जेल से बाहर आने के बाद धनंजय सिंह अपनी पत्नी श्रीकला के चुनाव प्रचार की कमान संभाल रहे हैं. अब धनंजय सिंह ने आजतक से खास बातचीत की, जहां उन्होंने कई सवालों का जवाब दिया है और कहा कि इस दौरान उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला फर्जी था. नमामि गंगे के प्रोजेक्ट में क्वालिटी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी. जिसको लेकर हमने जल निगम के इंजीनियर और कंपनी के लोगों से बात की.

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धनंजय सिंह ने खास बातचीत में कहा कि यह पूरा मामला फर्जी है. नमामि गंगे के प्रोजेक्ट में क्वालिटी को लेकर लगातार शिकायतें मिल रही थी, जिसको लेकर हमने जल निगम के इंजीनियर कंपनी के लोगों से बात की थी. सत्तारूढ़ बीजेपी के उस समय के विभागीय मंत्री का अपना स्वार्थ था. जिससे मेरे ऊपर 10:30 बजे रात में मुकदमा लिखा गया, 3 घंटे के अंदर गिरफ्तारी भी हो गई और इस मामले में मुझे सजा भी सुना दी गई.

जो नैरेटिव गढ़ा जा रहा है वो बहुत गलत है: धनंजय सिंह

अब जन प्रतिनिधि जनता की आवाज ही नहीं उठा पाता है. यह तो आवाज को दबा देने की बात है. लोकतंत्र में क्या लोग गलत चीजों के खिलाफ आवाज उठाना बंद कर देंगे, यह तो अजीब तरह का शासन स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है. इस देश का प्रत्येक नागरिक राष्ट्रवादी है, इसका मतलब यह नहीं कि वह भाजपाई है जो आदमी राम की पूजा करेगा, वह भाजपाई होगा ऐसा नहीं है. यह जो नॉरेटिव गढ़ा जा रहा है यह बहुत गलत है.

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मुझे तो कोई अंदेशा नहीं था. मुझसे कहा गया कि कोर्ट में हाजिर होना है. मैं कोर्ट के सम्मान गया तो मुझे दोषी करार देकर जेल भेज दिया गया. जब मैं 2002 में पहली बार विधायक बना तब कृपा शंकर सिंह कांग्रेस से मंत्री हुआ करते थे. मैं निर्दलीय लड़ा था और वह जमानत तक नहीं बचा पाए थे. मैं तब भी कृपा शंकर सिंह के राजनीतिक स्थिति को जानता था. 2005 में मैंने उनके भतीजे को जिला पंचायत सदस्य बनवाया. उनका भतीजा अभी हाल ही में ब्लॉक प्रमुख का चुनाव हारा है. मैं पब्लिक के बीच रहता हूं और राजनीति करता हूं.

उन्होंने आगे कहा कि भारतीय जनता पार्टी मेरे सामने अपनी जमानत नहीं बचा पाई थी. जब मैं पहली बार जेल गया तब निश्चित तौर पर मैंने पहली बार नाम लेकर कहा था कि किसी वजह से मुझे जेल भेजा. यही ममला विधान परिषद की समिति में उठा. Dm की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी उस कमेटी ने उस कंपनी की गुणवत्ता के खिलाफ रिपोर्ट दी थी. इससे मेरी बातें सच साबित होती हैं. मैंने ललन सिंह के साथ जदयू छोड़ दी. मैंने कभी बीजेपी से टिकट लेने की कोशिश नहीं की. मैं हमेशा एक निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव की तैयारी करता हूं.

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धनंजय सिंह ने कहा कि जब जदयू में था तो शुरुआत में मुझे लगा कि यहां इंडिया गठबंधन से बात बन जाएगी. इंडिया गठबंधन जौनपुर की सीट छोड़ देगी, लेकिन अचानक जेडीयू एनडीए का हिस्सा बन गई और जब जदयू को अपना हिस्सा बिहार में ही नहीं मिला तो मैंने यहां से एकला चलो की राह पर चल दिया. यहां के बीजेपी कैंडिडेट को मुझसे तकलीफ थी, शायद इसलिए जेल बदली गई या इन लोगों को पता था कि 5 महीने हो चुके हैं. मुझे बेल मिल सकती है.चुनाव में जब एक-एक घंटा एक-एक दिन की बात हो तो इसलिए मुझे दूर भेज दिया गया.

कृपा शंकर सिंह सत्तारूढ़ दल के कैंडिडेट हैं. उनकी सारी ऊर्जा इसी बात में लगी है कि धनंजय सिंह का कहां से नुकसान हो जाए. उनके पास कोई अपने मुद्दे तो है नहीं. जौनपुर का चुनाव स्थानीय मुद्दों पर चुनाव है. यह चुनाव भावनात्मक चुनाव है. जिस दिन कृपा शंकर सिंह भाजपा का टिकट लेकर आ गए तो वह मुझसे से रिश्ते बताने में कतराने लगे, लेकिन मेरे उनके रिश्ते रहे हैं. हम दोनों एक-दूसरे के घर आते जाते रहे हैं. मैंने बतौर सांसद उनके गांव में लाइट लगवाई, हेड पंप लगवाए. वह हमारे क्षेत्र के मतदाता भी हैं. 

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उन्होंने अपनी पत्नी के दावे पर बोलते हुए कहा कि इस मामले में मुझे बहुत जानकारी नहीं थी. कोई भी महिला अपने सुहाग के लिए चिंतित होती है. पिछले 4 दशकों से राजनीति में यह पतन हुआ है. जाति धर्म की राजनीति तेजी से प्रभावित हुई है तो यह कोई नया सवाल नहीं है. यह रोग चल रहा है तो रोग धीरे-धीरे फैलता है. इस देश में जो भी जिम्मेदार लोग हैं सभी को प्रयास करने चाहिए राजनीति एक अच्छी दिशा में हो.

543 सीटें तो नहीं जीतेगी भाजपा: धनंजय सिंह

धनंजय सिंह ने एक सवाल के जवाब में कहा कि कोई न्यायपालिका थोड़ी है. मैं जो गुहार लगाने जाऊंगा. मैं आपसे कह रहा हूं आप चौथे स्तंभ है कि मेरे साथ अन्याय हुआ है, पब्लिक जान रही है कि मेरे साथ अन्याय हुआ है. मुझे किसी से गुहार नहीं लगानी. लोकतंत्र में जनता की अदालत सबसे बड़ी अदालत है और यहां की जनता समझ रही है कि मेरे साथ अन्याय हुआ है. मैं राजनीति का व्यापार नहीं कर रहा जो फायदा नुकसान देखें.

देश में 543 सीट हैं सभी तो भारतीय जनता पार्टी नहीं जीतेगी. सभी लोग अपनी-अपनी राजनीति कर रहे हैं. भाजपा को ओमप्रकाश राजभर अनुप्रिया पटेल, संजय निषाद से समझौता करना पड़ा जब राष्ट्रीय दल होने के बावजूद उन्हें समझौते करने पड़ रहे हैं. मैं तो एक जिले की राजनीति में हूं, मैं अपने जिले की भलाई के लिए ही सोचता हूं.

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शादी समारोह में हुई अखिलेश से मुलाकात

सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात से जुड़े एक सवाल पर कहा कि एक शादी समारोह में मेरी अखिलेश यादव से मुलाकात हुई थी और तब हम इंडिया ब्लॉक में थे. उस वक्त कहा जा रहा था कि हम लोगों को एक सीट मिलेगी, लेकिन मैंने शुरू से अपने ही हिसाब से इंडिपेंडेंट उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी की है. जब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ा तो किसी ने थोड़ा सहयोग दिया तो उसका भी ऋणी हूं. जिसे ज्यादा सहयोग दिया तो उसका भी ऋणी हूं.

निचली अदालत से सजा सुनाये जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट न जाने से जुड़े सवाल पर धनंजय सिंह ने कहा, हम सुप्रीम कोर्ट जाने वाले थे. लेकिन केजरीवाल के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी कर दी कि राजनीतिक मामले में हम तुरंत सुनवाई नहीं करेगा. अब चुनाव के बाद ही अपेक्स कोर्ट में अपील करेंगे. सत्ता के साथ जब संघर्ष होता है तो साजिश होती है.

'विपक्ष को है स्पेस की जरूरत'

बीजेपी से टकराव के सवाल पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि यह सब एक नॉरेटिव गढ़ा गया कि मैं बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से टकरा गया,जबकि नमामि गंगे में अपने भ्रष्टाचार को छुपाने के लिए यह सब नॉरेटिव गढ़ा गया है. प्रधानमंत्री सबके प्रधानमंत्री हैं. भारत के गृहमंत्री बहुत ताकतवर है. उनसे मेरा क्या विवाद हो सकता है. प्रधानमंत्री विपक्ष को स्पेस दें. राजनीति में अपोजिशन को भी स्पेस की जरूरत है.

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