उत्तर प्रदेश के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की मौत के बाद न्यायिक और मजिस्ट्रेटियल जांच शुरू हो गई है. बुधवार को मुख्तार के बैरक का ताला खुलवाया गया. जिसकी वीडियोग्राफी कराई और फिर से बैरक को सील कर दिया गया. इस दौरान जेल के डॉक्टर, फार्मासिस्ट, सुरक्षा में तैनात सिपाहियों, स्वीपर, डिप्टी जेलर व जेलर से भी पूछताछ की गई.
बीते 28 मार्च को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज में मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. जांच दल की टीमों ने डॉक्टरों और फार्मासिस्ट से मुख्तार अंसारी को दी जाने वाली दवाइयों और ब्लड टेस्ट के साथ बीमारी के बारे में पूछताछ की. जेलर और डिप्टी जेलर से पूछा गया कि खाना खाने के बाद मुख्तार को उस दिन कब उल्टी आई थी. हार्ट अटैक कब आया और प्राथमिक तौर पर क्या ट्रीटमेंट दिया था. 26 मार्च को मुख्तार की तबीयत बिगड़ने पर उसे खाने में क्या दिया गया था.
मुख्तार के बैरक की हुई वीडियोग्राफी
मुख्तार की तबीयत बिगड़ने से पहले उसने खाने में क्या खाया था. इसकी भी जांच की जा रही है. क्योंकि मुख्तार को खाना देने के पहले डिप्टी जेलर और सिपाही उस खाने को चखते थे. जेल अधीक्षक वीरेश राज शर्मा ने बताया कि मुख्तार की मौत की जांच करने टीमें आई थी. उसके बैरक खुलवाकर वीडियोग्राफी की गई. फिर मौजूद स्टाफ से प्राइमरी पूछताछ की गई है.
बता दें, मुख्तार के बेटे उमर अंसारी ने दावा किया है कि खाने में धीमे-धीमे जहर दिए कारण उनके पिता की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. मुख्तार के शव का पोस्टमार्टम 5 डॉक्टरों की टीम ने किया था. जिसकी पूरी वीडियोग्राफी की गई थी. लेकिन मुख्तार के परिवार ने यहां पोस्टमार्टम पर भी सवाल उठाए थे.
दवाइयों के साथ खाने के बारे में भी पूछताछ की गई
इसके बाद बांदा के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) भगवान दास गुप्ता की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक मामले की जांच के लिए गरिमा सिंह अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सांसद-विधायक अदालत बांदा) और ADM वित्त राजस्व राजेश कुमार को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है.