इस बार होली और रमजान का पहला जुम्मा एक ही दिन शुक्रवार को पड़ रहा है. इसे देखते हुए बरेली में हिंदू और मुस्लिम समुदाय ने सौहार्द की मिसाल कायम की है. मुस्लिम धर्मगुरुओं ने फैसला लिया है कि जुम्मे की नमाज होली के बाद दोपहर 2 बजे से पढ़ी जाएगी, ताकि रंगबाजी खत्म होने के बाद नमाज हो सके. वहीं, होली को भी दोपहर से पहले समेटने पर सहमति बनी है. यह पहली बार है जब बरेली में जुम्मे की नमाज का समय बदला गया. इस पहल की एडीजी बरेली जोन डॉ. रमेश शर्मा और प्रशासन ने जमकर तारीफ की है.
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने ऐलान किया कि होली की रंगबाजी दोपहर तक खत्म हो जाएगी, जिसके बाद जुम्मे की नमाज अदा की जाएगी. शहर की प्रमुख मस्जिदों में इसकी घोषणा कर दी गई है. यह फैसला इसलिए लिया गया ताकि नमाज के लिए जाते समय किसी विवाद की स्थिति न बने. एडीजी डॉ. रमेश शर्मा ने कहा, "यह ऐतिहासिक कदम है. बरेली ने पूरे प्रदेश के लिए एक नई मिसाल कायम की है."
पहले बिगड़ चुका है माहौल
बरेली में होली के दौरान पहले भी तनाव देखा जा चुका है. राम बारात के समय पथराव की घटनाओं ने शहर की शांति भंग की थी. इस बार इसे रोकने के लिए धर्मगुरुओं ने यह पहल की. गंगा-जमुनी तहज़ीब को बढ़ावा देने वाले इस फैसले की पुलिस और जिलाधिकारी ने भी सराहना की है.
सोशल मीडिया पर निगरानी
होली और रमजान को शांतिपूर्ण बनाने के लिए एडीजी बरेली जोन ने सोशल मीडिया पर 24x7 निगरानी के निर्देश दिए. उन्होंने कहा, "कोई भी आपत्तिजनक या भ्रामक पोस्ट मिलने पर तुरंत खंडन और कानूनी कार्रवाई होगी." सभी जनपदों को सतर्क रहने को कहा गया है.
82 हजार डिजिटल वॉलंटियर्स की भूमिका
एडीजी डॉ. रमेश शर्मा ने बताया कि बरेली जोन में 82 हजार 332 डिजिटल वॉलंटियर्स कानून-व्यवस्था बनाए रखने में मदद करेंगे. ये प्रतिष्ठित लोग और माइक्रो इनफ्लुएंसर स्वेच्छा से पुलिस के साथ हैं. यह कार्यक्रम 2015 में मेरठ से शुरू हुआ था, जब शर्मा वहां डीआईजी थे. अब बरेली के हर थाना क्षेत्र से सक्रिय व्यक्तियों को जोड़ा जा रहा है.
नई परंपरा की शुरुआत
यह फैसला दोनों त्योहारों को एक साथ मनाने का अनोखा उदाहरण बनेगा. होली के रंग और नमाज का यह तालमेल बरेली की सांस्कृतिक एकता को मजबूत करेगा. प्रशासन और वॉलंटियर्स इसे सफल बनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.