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'जीत की हवस नहीं किसी पे कोई बस नहीं...' गाने पर रील बनाकर कबड्डी कोच ने किया सुसाइड

कानपुर में एक कबड्डी कोच ने अपने घर में सुसाइड कर लिया है. वो अर्मापुर ग्राउंड में लड़कों को कबड्डी की कोचिंग देता था. आत्मघाती कदम उठाने से पहले उसने 'जीत की हवस नहीं किसी पे कोई बस नहीं...' गाने पर रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. उसने सुसाइड जैसा खौफनाक कदम क्यों उठाया, ये बात घरवालों को भी समझ नहीं आ रही है.

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कानपुर में कबड्डी कोच ने की आत्महत्या.
कानपुर में कबड्डी कोच ने की आत्महत्या.

यूपी के कानपुर में एक कबड्डी कोच ने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी है. आत्मघाती कदम उठाने से पहले उसने 'जीत की हवस नहीं किसी पे कोई बस नहीं...' गाने पर रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. उसके द्वारा उठाए गए कदम से घर में कोहराम मचा हुआ है. वहीं, सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

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दरअसल, कबड्डी कोच विक्रांत उपाध्याय (25 साल) कानपुर के पनकी इलाके के एफ-ब्लॉक गणेश शंकर विद्यार्थी नगर में रहता था. अर्मापुर ग्राउंड में वो लड़कों को कबड्डी की कोचिंग देता था. बताया जा रहा है कि घर में कोई समस्या भी नहीं थी और उसकी कोचिंग भी अच्छी चल रही थी.

मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार से की पूछताछ

बावजूद इसके सुसाइड जैसा खौफनाक कदम क्यों उठाया, ये बात घरवालों को भी समझ नहीं आ रही है. इस मामले की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची पुलिस ने परिवार वालों से पूछताछ की. साथ ही उसके कमरे को खंगाला. मगर, वहां से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला.

इसके बाद रात में अपने कमरे में फांसी लगाई

हालांकि, मौत को गले लगाने से पहले उसने गाने के बोल 'जीत की हवस नहीं किसी पे कोई बस नहीं क्या जिंदगी है ठोकरों पर मार दो, मौत अंत है नहीं तो मौत से भी क्यों डरें...' पर रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट की थी. इसके बाद ही उसने रात में अपने कमरे में फांसी लगाई थी. 

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मामले की जांच की जा रही है- एडीसीपी

इस मामले में एडीसीपी अशोक कुमार सिंह ने बताया कि पनकी में एक स्पोर्ट्स खिलाड़ी ने सुसाइड किया है. मौके से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है. इसके साथ ही अभी तक परिजनों की ओर से तहरीर भी नहीं मिली है. लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है और मामले की जांच की जा रही है.

 

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