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कानपुर: लव मैरिज के बाद पढ़ा-लिखाकर पत्नी को दिलाई सरकारी नौकरी, बाद में उसी ने किया किनारे, पति ने सुनाई आपबीती

Kanpur News: पढ़ाई के दौरान दोस्ती हुई, फिर दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया... लेकिन सरकारी नौकरी लगने के कुछ समय बाद पत्नी के तेवर बदल गए.

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कानपुर में दंपति का तलाक
कानपुर में दंपति का तलाक

पढ़ाई के दौरान दोस्ती हुई, फिर दोस्ती प्यार में बदल गई और दोनों ने प्रेम विवाह कर लिया... लेकिन सरकारी नौकरी लगने के कुछ समय बाद पत्नी के तेवर बदल गए. वह बच्चे को लेकर पति से अलग रहने लगी. आखिर में मामला तलाक तक पहुंच गया. ये कहानी है कानपुर में रहने वाले शिवांशु अवस्थी और मीनाक्षी शुक्ला की. दोनों ने 2008 में शादी की थी. शादी के 15 साल बाद अब वे अलग हो गए हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला...   

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दरअसल, यशोदा नगर में रहने वाले शिवांशु अवस्थी कानपुर यूनिवर्सिटी में अपनी साथी मीनाक्षी शुक्ला के साथ बी.फार्मा कर रहे थे. इसी दौरान दोनों में प्यार हो गया. फिर दोनों ने शादी करने का फैसला ले लिया. शिवांशु और मीनाक्षी ने 2008 में लव मैरिज कर ली. दोनों के परिवार इस शादी से खुश थे. कुछ समय बाद कपल के दो बच्चे हुए. उस समय तक मीनाक्षी कोई जॉब नहीं करती थी, जबकि शिवांशु ठीक-ठाक प्राइवेट नौकरी कर रहे थे. 

शिवांशु कहते हैं कि उनकी पत्नी मीनाक्षी के सपने ऊंचे थे. उसने और पढ़ाई करने के साथ सरकारी नौकरी की इच्छा जाहिर की. ऐसे में अपने जीवनसाथी के सपनों को साकार करने के लिए उसे कोचिंग आदि भेजना शुरू किया और 2009-10 में बीएड कंप्लीट करवाया. उसकी पढ़ाई के लिए खूब भागदौड़ की. आखिर में 2015 में पत्नी को सरकारी टीचर की नौकरी मिल गई. 

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आरोप है कि सरकारी नौकरी लगते ही मीनाक्षी का नजरिया बदल गया. उसने सबसे पहले शिवांशु के घर में यह कहकर रहने से इनकार कर दिया कि तुम्हारी मां बीमार रहती हैं, उनकी देखभाल के लिए नौकर रख लो. इसपर काफी विवाद हुआ. पत्नी-पत्नी के साथ-साथ परिवार में भी मनमुटाव हो गया. आखिर में मीनाक्षी घर छोड़ कर चली गई. साथ में छोटे बेटे को भी ले गई. बड़ा बेटा (13) शिवांशु के पास ही रहा.  

बाद में मीनाक्षी ने बड़े बेटे की कस्टडी के लिए भी कोर्ट में एप्लीकेशन लगाई. साथ ही शिवांशु के खिलाफ दहेज एक्ट का केस भी दर्ज करा दिया. शिवांशु का कहना है कि उसने पत्नी को बुलाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं आई. मीनाक्षी इटावा में रहने लगी और वहीं पर जॉब करने लगी. बाद मे औरैया ट्रांसफर हुआ. 

इस बीच तंग आकर शिवांशु ने तलाक का मुकदमा दायर किया. इस मुकदमे में मीनाक्षी तारीख पर नहीं आती थी. जिसपर मजबूर होकर शिवांशु ने एकतरफा तलाक की अपील की. कोर्ट ने सुनवाई के बाद शिवांशु की एकतरफा तलाक की अर्जी को मंजूर कर लिया. शिवांशु के वकील के मुताबिक, कोर्ट ने माना है कि कपल कई सालों से साथ नहीं रह रहे हैं और पत्नी तारीख पर भी नहीं आ रही इसलिए पति के पास तलाक पाने का आधार है. 
 
बकौल वकील अनूप शुक्ला- पति ने तलाक के लिए वाद दाखिल किया था लेकिन पत्नी ने कोर्ट में कोई जवाब दाखिल नहीं किया. इस पर कोर्ट ने एकपक्षीय रूप से पति की विवाह विच्छेद की याचना स्वीकार कर ली. हालांकि, कपल के बीच दहेज प्रताड़ना व बड़े बेटे की अभिरक्षा के लिए गार्जियन एंड वार्डस एक्ट का वाद अभी लंबित है. 

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