भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उत्तर जिले की एक बैठक चर्चा का विषय बनी हुई है. पार्टी की यह बैठक किसी कार्यालय या सभागार में नहीं, बल्कि एक अस्पताल के मरीज वार्ड में संपन्न हुई. दरअसल जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित के पैर का ऑपरेशन हुआ है. इस वजह से अब अस्पताल ही अस्थायी कार्यालय की तरह हो गया है.
भाजपा ने हाल ही में कानपुर उत्तर जिले के नए जिलाध्यक्ष के रूप में अनिल दीक्षित को नियुक्त किया है. जिलाध्यक्ष बनने के महज एक दिन बाद ही उनके साथ एक हादसा हो गया. घर में सीढ़ियों से गिरने के कारण उनकी जांघ की हड्डी टूट गई, जिसके चलते उन्हें तुरंत आर्य नगर स्थित अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां उनका ऑपरेशन हुआ और तब से वे यही भर्ती हैं.
योगी सरकार के आठ वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में कानपुर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाने हैं. इन्हीं तैयारियों को लेकर जिलाध्यक्ष ने अस्पताल में ही पहली बैठक बुलाने का निर्णय लिया. अस्पताल के दूसरे तल पर मौजूद पेशेंट केयर वार्ड में भाजपा की होल्डिंग लगाकर बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में करीब दो दर्जन से अधिक पार्टी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता शामिल हुए.
बैठक के दौरान एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला. जिलाध्यक्ष अस्पताल के बेड पर लेटे हुए ही बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे, जबकि अन्य पदाधिकारी अगल-बगल कुर्सियों पर ही बैठ गए. महिला पदाधिकारियों को तीमारदारों की बेंच पर बैठाया गया. आधे घंटे तक चली इस बैठक में आगामी पार्टी कार्यक्रमों की रूपरेखा तैयार की गई.
बैठक के बाद जब जिलाध्यक्ष अनिल दीक्षित से उनकी सेहत और आगे की योजनाओं पर बात की गई, तो उन्होंने कहा, ऑपरेशन सफल रहा है और डॉक्टरों ने बताया है कि दो दिनों में अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी. इसके बाद मुझे दस दिनों तक घर पर बेड रेस्ट करना होगा. उम्मीद है कि एक महीने में मैं फिर से अपने पैरों पर खड़ा हो जाऊंगा. लेकिन पार्टी का काम कभी रुकना नहीं चाहिए, इसलिए अस्पताल में ही बैठक करनी पड़ी.उन्होंने आगे बताया कि आगामी 14 अप्रैल तक पार्टी के विभिन्न कार्यक्रम निर्धारित किए गए हैं, जिनमें जिलेभर में कई आयोजन किए जाएंगे.