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कानपुर में फाइटर जेट्स बनाने वाली कंपनी HAL से साइबर ठगी, डील के नाम पर ऐंठे 55 लाख, जानें मामला?

उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर ठगों द्वारा फाइटर प्लेन बनाने वाली कंपनी से ठगी किए जाने का मामला सामने आया है. जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के कानपुर में साइबर ठगों ने रक्षा कंपनी से ही ठगी कर ली. देश में किसी भी रक्षा कंपनी से ठगी का यह पहला मामला भी है. जानकारी के अनुसार फाइटर जेट बनाने वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), कानपुर से पार्ट्स बेचने के नाम पर साइबर ठगों द्वारा करीब 55 लख रुपए की ठगी की गई है.

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कंपनी से ठगने के लिए ठगों ने पहले अमेरिकी कंपनी के नाम से मिलती-जुलती कंपनी बनाकर HAL अधिकारियों को भरोसे में लिया. इसके बाद ठगी को अंजाम दिया. फिलहाल मामला रक्षा क्षेत्र की कंपनी से जुड़ा होने के चलते  पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी है.

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फाइटर जेट्स बनाती है HAL

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) कानपुर, फाइटर जेट्स बनाती है. इस कंपनी को तेजस को बनाने का भी जिम्मा मिला था. इसके अलावा यह कंपनी डोनियर विमान भी बनाती है. सरकार की यह कंपनी अपने विमान के लिए कुछ पार्ट्स विदेश से भी खरीदती है. इसके लिए कंपनी ने विमान के तीन पार्ट्स खरीदने के लिए अमेरिका की एक कंपनी से संपर्क किया था.

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हालांकि, इस दौरान साइबर ठगों को किसी तरह से इस मामले की जानकारी हो गई. इसके बाद अमेरिका की इसी कंपनी के नाम से मिलती-जुलती एक कंपनी बनाकर साइबर ठगों ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स कंपनी के अधिकारियों से संपर्क शुरू कर दिया और पार्ट्स देने के नाम पर अधिकारियों से एडवांस में 55 लाख का पेमेंट भी करा लिया. लेकिन तय समय पर जब HAL को पार्ट्स नहीं मिले तो उन्होंने जांच शुरू की.

साइबर सेल ने शुरू की जांच

जांच के दौरान पता चला कि जिस अमेरिकी कंपनी के नाम पेमेंट किया गया है, वह असली कंपनी नहीं है बल्कि उससे मिलती-जुलती नाम वाली फर्जी कंपनी है. एचएएल के अपर महाप्रबंधक ने इस मामले में चकेरी थाने में साइबर ठागों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है. जिसकी जांच शुरू की गई है. एडीसीपी मनोज पांडे का कहना है कि कंपनी के अधिकारी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. मामले की जांच के लिए साइबर सेल को मामला ट्रांसफर किया गया है. जल्द ही मामले का खुलासा किया जाएगा. 

पांडे ने आशंका जताई है कि ठगों ने कंपनी की मेल आईडी को हैक कर लिया होगा. जिससे उन्हें पार्ट्स के खरीदने की जानकारी लग गई और उन्होंने ठगी को आसानी से अंजाम दे दिया.
 

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