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कानपुर देहात कांड में सामने आया एक वीडियो, SDM ने दिया शिव मंदिर तोड़ने का आदेश!

कानपुर देहात कांड में एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में थाना अध्यक्ष के साथ एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद घटनास्थल पर दिख रहे हैं. वो शिव मंदिर की ओर इशारा करते हुए बुलडोजर चालक को आदेश देते हैं कि सबसे पहले बुलडोजर से यह अतिक्रमण हटाए. इस दौरान थाना अध्यक्ष चबूतरे को छूकर शिवलिंग के पास जमीन को दबाकर देख रहे हैं. 

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कानपुर देहात मामला
कानपुर देहात मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में बुलडोजर से अतिक्रमण हटाते वक्त मां-बेटी की जलकर मौत के मामले में एक नया वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में पुलिसकर्मियों और थाना अध्यक्ष के साथ मौके पर एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद मौजूद हैं. वो शिव मंदिर की ओर इशारा करते हुए बुलडोजर चालक को आदेश देते हैं कि सबसे पहले बुलडोजर से यह अतिक्रमण हटाए.

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सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा वीडियो

यह वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हो रहा है. इसमें एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, थानाध्यक्ष रूरा दिनेश कुमार गौतम पुलिसकर्मियों के साथ मौके पर खड़े दिखाई दे रहे हैं. इसमें थाना अध्यक्ष और एसडीएम शिव मंदिर को देख रहे हैं. एसडीएम के कहने पर थाना अध्यक्ष चबूतरे को छूकर शिवलिंग के पास जमीन को दबाकर देख रहे हैं. 

चालक को शिव मंदिर तोड़ने का आदेश दिया

ऐसी चर्चा है की उन्होंने एसडीएम से उसे न गिराने के लिए कहा. लेकिन एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद ने बुलडोजर चालक को सबसे पहले शिव मंदिर तोड़ने का आदेश दिया. यह वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि वो कैसे बुलडोजर चालक को आदेश दे रहे हैं. वायरल यह वीडियो घटना के मौजूदा समय से कुछ समय पहले का बताया जा रहा है, हालांकि आज तक इस वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता.

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बता दें कि 13 फरवरी को रूरा थाना क्षेत्र के मावली गांव में कृष्ण गोपाल के यहां तहसील प्रशासन अवैध अतिक्रमण गिराने बुलडोजर के साथ पहुंचा था. अतिक्रमण हटाते वक्त झोपड़ी में आग लग गई थी. इससे मां-बेटी की जलकर मौत हो गई थी. इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर निशाना साध रहा है और बुलडोजर एक्शन पर सवाल खड़ा कर रहा है. 

शासन द्वारा गठित की गई एसआईटी की टीम ने घटना के समय के तमाम साक्ष्य जुटाए हैं. डीएम से लेकर एसपी और अन्य अधिकारी और कर्मचारियों के बयान भी लिए गए हैं. एसआईटी टीम को लीड कर रहे कानपुर कमिश्नर राजशेखर और एडीजी आलोक सिंह इस मामले की जांच कर रहे हैं. 21 फरवरी के बाद एसआईटी मामले की रिपोर्ट शासन को भेजेगी. 

इस घटना में एसडीएम मैथा, एसएचओ रूरा, लेखपाल समेत 39 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है. इसके साथ ही जेसीबी चालक दीपक और लेखपाल अशोक सिंह को जेल भेज दिया गया है. 

 

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