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6 को लूट, 12 को थाने में पिटाई... UP पुलिस की वर्दी पर फिर 'कस्टडी में हत्या' का दाग!

कानपुर देहात में पुलिस कस्टडी में एक शख्स की मौत के बाद हंगामा हो रहा है. इस मामले में पूरी एसओजी टीम को सस्पेंड कर दिया गया है. इसके साथ ही पूरे मामले की जांच कराई जा रही है. आइए जानते हैं यह पूरा मामला है क्या और कैसे कानपुर देहात पुलिस विवादों में आ गई-

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पुलिस कस्टडी में मौत के बाद आक्रोशित परिजन
पुलिस कस्टडी में मौत के बाद आक्रोशित परिजन

उत्तर प्रदेश पुलिस की खाकी पर एक बार फिर दाग लगा है. कानपुर देहात में पुलिस कस्टडी में एक शख्स की मौत के बाद हंगामा हो रहा है. परिजन शव का अंतिम संस्कार न करने की जिद पर अड़े हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई मांग कर रहे हैं. इस मामले में पूरी एसओजी टीम को सस्पेंड कर दिया गया है. आइए जानते हैं यह पूरा मामला है क्या और कैसे कानपुर देहात पुलिस विवादों में आ गई-

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6 दिसंबर की रात में शिवाली कोतवाली क्षेत्र के लालपुर सरैया गांव निवासी चंद्रभान सिंह अपनी चुनी चोकर, पशु आहार व छोटी सी ज्वैलरी की दुकान बंद करके बाईक से घर जा रहे थे. तभी गांव से कुछ दूरी पहुंचते ही बाईक सवार 3 बदमाशों ने उनकी आंखों में मिर्ची पाउडर डालकर तमंचे के बल पर उनसे दो लाख रूपए की नगदी व 40 हजार रुपए की ज्वैलरी लूटी.

चंद्रभान सिंह की सूचना पर पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची थी. एसपी ने बदमाशों की पकड़ के लिए एसओजी की टीम को भी लगाया. पुलिस का कहना कि 12 दिसंबर को एसओजी और पुलिस की संयुक्त टीम ने लालपुर सरैया गांव के ही अविनाश कुशवाहा, सूरज और कल्लू उर्फ शिवा को गिरफ्तार किया था, इन आरोपियों ने कई और लोगों के नाम बताए थे, जिसमें बलवंत सिंह को टीम ने पुछताछ के लिए बुलाया था.

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परिजानों का आरोप था कि 12 दिसंबर को बलवंत सिंह गांव के राम राठौर और पारिवारिक भाई गुड्डू के साथ रनिया अपनी दुकान के लिए पिकप से चोकर लेने गए हुए थे, तभी पुलिस ने बलवंत को रनिया से उठा लिया था, फिर रनिया थाने में ले जाकर पिटाई की, बलवंत के भाई गुड्डू ने घर में आकर बताया था, तभी सभी लोग रनिया थाने गए थे, तब पुलिस की टीम बलवंत को पीट रही थी.

परिजनों ने बताया कि 12 दिसंबर की रात 11 बजे पुलिस की पिटाई से बलवंत की मौत हो गई और रात करीब 12 बजे पुलिस ने बलवंत के शव को पोस्टमार्टम हाउस में भिजवा दिया था. परिजन रात 2 बजे पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए और उन्होंने पुलिस टीम पर हत्या का आरोप लगाया. 13 दिसंबर की सुबह 8 बजे पुलिस और परिजनों की झड़प भी हुई थी.

परिजनों ने शव को पोस्टमार्टम हाउस से निकाल कर देखा तो बलवंत के पीठ के नीचे गहरे काले निशान बने हुए थे. परिजन शव का पोस्टमार्टम कानपुर में करवाने पर अड़े थे. उनकी मांग थी कि आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ पहले मुकदमा दर्ज हो, उसके बाद पंचनामा भरा जाए. 8 घंटे की जद्दोजहद के बाद मृतक के चाचा अंगद सिंह की तहरीर पर रनिया थाने में करीब 2:30 बजे दोपहर को आरोपी पुलिस वालों के खिलाफ 147,302,504,506 की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया.

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इस बीच एसपी सुनीति ने एसओजी प्रभारी समेत 9 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. फिर देर रात रनिया थाना अध्यक्ष शिव प्रकाश सिंह और स्वाट टीम के महेश गुप्ता को निलम्बित किया. परिजनों की मांग पर 13 दिसंबर की देर शाम मुकदमा दर्ज होने पर शव को जिला प्रशासन टीम की निगरानी में कानपुर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया.

परिजनों का कहना है कि शव का अंतिम संस्कार तभी होगा, जब उनकी मांग पूरी की जाएगी. परिजनों की मांग है कि मुख्यमंत्री के आगमन पर ही शव का अंतिम संस्कार करवाएंगे और मृतक की पत्नी शालिनी सिंह को जीवन व्यापन के लिए सरकारी नौकरी के साथ ही एक करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए.

 

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