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एक लाख के इनामी हिस्ट्रीशीटर अजय ठाकुर को कानपुर पुलिस ने एसटीएफ और क्राइम ब्रांच की मदद से दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस लगातार उसे ट्रेस करने की कोशिश कर रही थी, लेकिन वह चकमा देकर फरार चल रहा था. इस पूरे ऑपरेशन को लेकर कानपुर पुलिस ने 5 टीमें लगाई थीं. अजय ठाकुर पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं.
बता दें कि इससे पहले अजय ठाकुर एक लड़की का अश्लील वीडियो बनाकर उसे वायरल करने की धमकी दे रहा था. उसके बाद उसपर 307 का मुकदमा भी दर्ज हुआ था. कोर्ट से बेल मिलने के बाद बाहर आते ही उसने पुरानी रंजिश में 'अपना दल' की रैली पर कई लड़कों समेत हमला कर दिया था, जिसके बाद एक नया मुकदमा दर्ज कर फिर से पुलिस उसकी गिरफ्तारी के पीछे लग गई थी.
इसके बाद से वह लगातार 32 दिनों तक फरार रहा. कानपुर पुलिस ने भी लगातार उस पर इनाम बढ़ाने का काम किया और आखिरकार अब उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया गया है.
स्थानीय विधायक और सत्ताधारी नेताओं संग कई फोटोज
पुलिस ने अजय ठाकुर की तलाश के लिए जब उसकी प्रोफाइल खंगाली तो स्थानीय विधायक और सत्ताधारी नेताओं तथा मंत्रियों के साथ उसकी तस्वीरें देख दंग रह गई. इसके साथ पुलिसवालों का सम्मान करते हुए भी उसकी कई तस्वीरें मिलीं.
इतना ही नहीं अजय ठाकुर की पहल के लिए एक स्थानीय नेता ने सीधा डीसीपी को फोन कर कर धमका दिया था. जिसके बाद कानपुर पुलिस द्वारा उस नेता पर ही मुकदमा दर्ज कर लिया गया.
जेल से छूटने के बाद रैली पर किया था हमला
मालूम हो कि अजय ठाकुर ने पहले तो गैंग के साथ 'अपना दल' की रैली पर हमला किया, फिर एक किशोरी का अश्लील वीडियो वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल कर रहा था. 3 मार्च 2023 को उसके इंस्टाग्राम फ्रेंड विनय ठाकुर ने एक हुक्काबार में बुलाकर उस लड़की का रेप किया था.
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इसके बाद विनय ने उसे अपने साथी हिस्ट्रीशीटर अजय ठाकुर के हवाले कर दिया था. अजय ने अपने गैंग के साथ नाबालिग से गैंगरेप का प्रयास किया था. लेकिन, हालत बिगड़ने पर उसे छोड़कर भाग निकला था.
गौरतलब है कि कम उम्र (25 से 26 साल) में ही अजय ठाकुर पर दो दर्जन से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो गए हैं. एक मुकदमे में जब पुलिस अजय ठाकुर को पड़कर किदवई नगर थाने लाई थी तो वहीं उसने ब्लेड से अपनी हाथ की नस काट ली थी. जिससे पुलिस स्टेशन में हड़कंप गया था. अजय ठाकुर ने ऐसा पुलिस पर दबाव बनाने के लिए किया था ताकि उसे छोड़ दिया जाए लेकिन पुलिस ने उसे अस्पताल में भर्ती करा कर उस पर एक और मुकदमा दर्ज कर दिया था.
कानपुर पुलिस ने लंबा-चौड़ा अपराधिक इतिहास देखते हुए अजय ठाकुर पर गैंगस्टर लगाकर उसे गैंग का सरगना बनाया है. उसपर डॉक्टर दंपति की बेटी से रेप का आरोप है. युवा छात्रों में उसकी काफी पकड़ है. जिसके चलते समय-समय पर कई नेता उसका इस्तेमाल करते रहे हैं. मगर जब रेप जैसा गंभीर अपराध करने के बाद अजय ठाकुर फरार हुआ तो सभी नेताओं ने उससे पल्ला झाड़ लिया.