कानपुर में 10वीं के छात्र कुशाग्र की हत्या के मामले में नए खुलासे हो रहे हैं. पुलिस की जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी प्रभात शुक्ला ने कुशाग्र की हत्या के इरादे से 3-4 दिन पहले ही रस्सी खरीद ली थी. वह कुशाग्र के आने-जाने के रास्ते की रेकी भी कर रहा था. बताया जा रहा है कि प्रभात ये सब काम कुशाग्र की ट्यूशन टीचर रचिता के इशारों पर कर रहा था. क्योंकि रचिता को ही पता था कि कुशाग्र बड़े घर का लड़का है. फिरौती का पैसा आसानी से मिल सकता है.
वही, पुलिस अधिकारी इस बात से भी हैरान हैं कि जिस जगह कुशाग्र को मारा गया वहां एक अहाता है, आसपास कई घर हैं. लेकिन कुशाग्र की जिस सफाई से हत्या की गई किसी ने उसकी चीख-पुकार तक नहीं सुनी. कुशाग्र का रस्सी से गला घोंटा गया था. उसके हाथ-पैर बंधे मिले. जब तक पुलिस मौके पर नहीं पहुंची पड़ोसियों को भी इस बात का बिल्कुल इल्म नहीं था कि उनके ठीक बगल में किसी की हत्या हो गई है.
वारदात वाले दिन प्रभात तय प्लान के तहत कुशाग्र के रास्ते में खड़ा था. उसे पता था कि शाम के टाइम वो कोचिंग के लिए स्कूटी से निकलेगा. उसने रास्ते में कुशाग्र को रोका और साधन न होने का बहाना बनाकर अपने घर छोड़ने की बात कही. फिर वहां ले जाकर उसकी हत्या कर दी.
स्कूटी का नंबर बदला
प्रभात और उसका दोस्त शिवा जब कुशाग्र के घर पर स्कूटी से फिरौती की चिट्ठी फेंकने के लिए पहुंचे तो उन्होंने गाड़ी का नंबर बदल दिया था. उन्होंने स्कूटी के नंबर में एफ की जगह ई बना दिया था. यह स्कूटी किसी और की नहीं बल्कि रचिता की थी. जिसे देखते ही कुशाग्र के घर का बाहर तैनात गार्ड पहचान गया. जब कुशाग्र के परिवार के लोगों ने रचिता से संपर्क किया तो वह अंजान बनकर उनको गुमराह करती रही.
इतना ही नहीं कुशाग्र की हत्या के बाद रचिता ने कुशाग्र के मामा को कॉल किया था. पुलिस का कहना है कि रचिता ने कुशाग्र के मामा को फोन कर उसके लापता होने पर चिंता जताई थी और पल-पल की जानकारी ले रही थी. वो ऐसा इसलिए कर रही थी, ताकि पुलिस को उस पर शक न हो, जबकि छात्र की लाश उसने कमरे में छिपा दी थी.
फिलहाल, जॉइंट कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी का कहना है कि पुलिस इस केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने का अनुरोध करेगी. साथ ही साथ 15 से 20 दिन के अंदर इस पूरे मामले में अपनी चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर देगी.
कोर्ट में पेशी के दौरान वकीलों ने हत्यारोपियों को पीटा
बीते दिन जब पुलिस ने कुशाग्र के हत्यारों को कोर्ट में पेश किया तो नाराज वकीलों ने प्रभात और उसके दोस्त शिवा की पिटाई कर दी. पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद उनको वकीलों से बचाकर बाहर निकाला. रचिता को भी मंगलवार शाम एमएम-3 कोर्ट में पेश किया गया.
कुशाग्र की लाश को घसीटा गया था?
कुशाग्र की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला है कि आरोपी कुशाग्र की केवल सीधे-सीधे हत्या ही करना चाहते थे. पुलिस ने पंचनामे में छात्र के चेहरे पर खरोंच के निशान पाए थे, जिसके बारे में पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर ने बताया कि हत्या के बाद बॉडी घसीटी गई होगी, उसी से खरोंच आई है.
कुशाग्र की मौत से घर में मातम है. उसके बाबा संजय कनोडिया इस बात पर अफसोस कर रहे हैं कि छात्र की हत्या में पकड़ी गई उसकी कोचिंग टीचर रचिता वत्स को वो कभी पहचान नहीं पाए. जान लेते तो आज कुशाग्र जिंदा होता.