साल 2024 का आम चुनाव करीब आते ही राजनीतिक हलचल तेज हो ही गई है. इसके साथ ही प्रशासनिक और खुफिया तंत्र भी एक्टिव हो गया है. शहर के संवेदनशील इलाकों में पड़ा मलबा और ईंट-पत्थर सामुदायिक सौहार्द बिगाड़ सकता है. यह हम नहीं, बल्कि कानपुर में पुलिस के खुफिया विभाग लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (LIU) की रिपोर्ट कह रही है.
दरअसल, एलईयू ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस को चेताया है. रिपोर्ट के अनुसार, शहर के 18 अति संवेदनशील क्षेत्रों में 21 स्थानों पर बड़ी मात्रा में ईंट-पत्थरों का ढेर मिला है. आशंका जताई है कि यदि माहौल बिगड़ा. तो इस मलबे का दुरुपयोग किया जा सकता है.
पत्थरबाजी में इस्तेमाल हो सकता है ईंट-पत्थरों का मलबा
कानपुर में पहले भी सांप्रदायिक हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं. इसके चलते आपसी विश्वास में कमी हुई और कटुता में वृद्धि हुई है. पलायन, छोटी सी घटना पर भी सांप्रदायिक तनाव पैदा होते रहे हैं. एलआईयू की रिपोर्ट के अनुसार, सांप्रदायिक सद्भाव प्रभावित होने की स्थिति में उग्र भीड़ विभिन्न क्षेत्रों, गलियों में पड़े ईंट-पत्थरों और मलबे का पत्थरबाजी में इस्तेमाल किया जा सकता है.
राष्ट्रीय और स्थानीय मुद्दों पर तीव्र प्रतिक्रिया देते हैं लोग- रिपोर्ट
लिहाजा, मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों की गलियों में पड़े ईंट-पत्थरों के ढेर और मलबे को हटवाया जाना जरूरी है. एलआईयू की रिपोर्ट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय, राज्यस्तरीय और स्थानीय मुद्दों को लेकर तीव्र प्रतिक्रिया लोग देते हैं. यह सांप्रदायिक सौहार्द को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा लोकसभा चुनाव भी सिर पर हैं.
मुस्लिम बाहुल्य इलाकों से नगर निगम की टीम ने जेसीबी से हटवाए पत्थर
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को इसके बारे में सचेत किया गया. इसके बाद एक पत्र जिलाधिकारी को लिखा गया. कानपुर जिला अधिकारी ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर संवेदनशील इलाकों से ईंट-पत्थर का मलवा हटाने को कहा. इसके बाद शहर में अभियान चलाकर जेसीबी के द्वारा सभी संवेदनशील इलाकों से पत्थर और मलबे को हटाया गया है.