पुलिसकर्मियों के गलत कर्मों के चलते चर्चा में रहने वाली यूपी पुलिस का एक और कारनामा सामने आया है. कानपुर पुलिस पर एक परिवार ने गंभीर आरोप लगाया है. पीड़ित परिवार का कहना है कि हमारी बेटी के साथ गांव के पूर्व प्रधान के भतीजे ने छेड़खानी की. हम पुलिस थाने में इसकी शिकायत करने पहुंचे तो थाने में मौजूद महिला सिपाही ने हमारी बेटी को निर्वस्त्र किया और आरोपी के पास खड़ा करके दोनों के फोटो खींचे. परिवार का कहना है कि इस घटना से बेटी मानसिक रूप से बहुत आहत हुई और उसकी तबीयत बिगड़ गई है. उसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. वहीं, पुलिस का कहना है कि छेड़खानी का आरोप झूठा है फिर भी मामले की जांच की जा रही है.
दरअसल, कानपुर के साढ़ थाने के एक गांव की रहने वाली सत्रह वर्षीय नाबालिग को गांव के पूर्व प्रधान का भतीजा अमन अक्सर छेड़ता था. नाबालिग लड़की के पिता का आरोप है चार दिन पहले अमन ने मेरी बेटी से छेड़ाखानी की. बेटी ने फोन पर हमको सूचना देने की कोशिश की तो अमन ने उसका फोन तोड़ दिया. इसके बाद बेटी घर आ गई. हम लोग बेटी को लेकर पहले चौकी पहुंचे, उसके बाद थाने गए.
बेटी ने कहा- मेरे कपड़े उतारे, फोटो खींचे
पीड़िता के पिता के मुताबिक, पुलिस ने अमन को पकड़ लिया था और थान में बंद कर दिया था. हम लोगों ने शिकायत की तो पुलिसवालों ने हमसे लिखित आवेदन देने को कहा था. हम लोग एप्लीकेशन देकर घर चले आए. घर आकर बेटी ने कहा ''जब आप लोग एप्लीकेशन लिखने के लिए थाने से बाहर गए थे तब महिला सिपाही ने मुझे अमन वाले कमरे में बंद किया. जबरदस्ती मेरे कपड़े उतारे और नग्न करके अमन के पास खड़ा कर दिया. इसके बाद महिला सिपाही ने हम दोनों के फोटो खींचे. साथ ही कहा कि मुझे अमन से ही शादी करनी पड़ेगी.''
बेटी कोमा हैं चली गई है: पीड़ित परिवार
पीड़िता के पिता का कहना है कि यह सब बताते हुए बेटी की हालत खराब हो गई वह बेहोश होकर जमीन पर गिर गई. इसके बाद हम उसे कानपुर जिला अस्पताल लाए. यहां से बेटी को हैलट के बाल रोग में भर्ती किया गया है. हमारी लड़की कोमा में चली गई, तब से कुछ बोल नहीं पा रही है. पीड़िता के भाई का आरोप है की बहन ने उसे बताया कि जब महिला पुलिसकर्मी फोटो खींच रही थी तो अमन बगल में खड़ा हंस रहा था.
परिवार ने खींचे पीड़िता के फोटो : एडीसीपी
पीड़िता के परिवार का कहना है कि जब इस मामले को लेकर हमने शहर की बड़ी परिषद के अधिकारियों से बात की.इसके केवल एक घंटे के बाद ही साउथ की एडीसीपी अंकिता शर्मा का बयान सामने आ गया. उनका कहना है कि हमने ही थाने में बेटी के कपड़े उतारे और फोटो लिए. एडीसीपी अंकिता शर्मा का कहना है कि पुलिस पर फोटो खींचने के जो आरोप लगाए हैं वह सही नहीं है फिर भी उनके आरोप में अगर कुछ सच्चाई है तो इसके लिए एसीपी और एडीसीपी की टीम जांच कर रही है जांच के बाद ही कुछ साफ हो पाएगा.
पुलिस के बयान पर सवालिया निशान
पुलिस के इस बयान से ही लगता है कि दाल में कुछ कल जरूर है, क्योंकि चार दिन पहले यह केस दर्ज हुआ था. 4 दिन से लड़की शहर के अस्पताल में भर्ती है. इस दौरान पुलिस एक बार भी उसको देखने नहीं आई, लेकिन उसके आरोप लगाते ही पुलिस की एक महिला दारोगा के साथ पुलिसकर्मियों की टीम हॉस्पिटल में लड़की के परिजनों से पूछताछ करने पहुंच गई. एडीसीपी का बयान आ गया कि परिवार के आरोपो में सच्चाई नहीं है फिर भी जांच कर रहे हैं. सिर्फ 1 घंटे में ही जांच कैसेकर दी गई, जबकि कानपुर से साढ़ थाना 40 किलोमीटर दूर है, जहां पर नाबालिग लड़की के फोटो खींचने की बात कही जा रही है. ऐसे में पुलिस ने कानपुर में बैठे-बैठे कैसे जांच कर ली की लड़की के आरोपों में सच्चाई नहीं है.