कानपुर पुलिस पर आरोप लगा था कि छेड़छाड़ पीड़िता को थाने में निर्वस्त्र किया गया और पीड़िता को आरोपी के पास खड़ा करके उनको फोटो क्लिक किए गए. आरोप लगाया गया था कि पुलिस ने पीड़िता पर आरोपी के साथ शादी करने का दबाव भी बनाया था. इस घटना से पीड़िता की हालत खराब हो गई थी और वह कोमा में चली गई.
मामले के तूल पकड़ने पर महिला पुलिस अधिकारी ने कहा था कि पुलिस पर लगे आरोप झूठे हैं. लड़की को उसके परिवार के लोगों ने ही थाने में निर्वस्त्र किया था. साथ ही पुलिस ने आरोपों की जांच किए जाने की बात भी कही थी. आज कानपुर पुलिस का फिर से इस मामले में बयान सामने आया है. पुलिस अपने पुराने वाले बयान से बदल गई है. पुलिस का कहना है कि नाबालिग के जांघ पर आरोपी का नाम देखने के लिए उसकी पैंट उतारी गई थी.
यह है मामला
दरअसल, कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के निवासी एक पिता और उसके बेटे ने आरोप लगाया था. क्योंकि नाबालिग बेटी को गांव के पूर्व प्रधान का बेटा अमन छेड़ता है, लेकिन जब हम थाने में उसकी शिकायत करने पहुंचे तो एक महिला सिपाही ने आरोपी अमन के सामने ही मेरी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी के कपड़े उतार कर उसकी फोटो खींची. इससे वह इतनी डिप्रेशन में हो गई कि घर आते ही जमीन पर गिर गई. उसके बाद बेहोश हो गई उसे दिन से उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है लेकिन वह कुछ बोल नहीं पा रही है वह कोमा में चली गई है.
आरोपी ने कहा था लड़की के पैर पर लिखा है मेरा नाम: पुलिस
6 सितंबर को मामले ने तूल पकड़ा. इसके बाद पुलिस की एक टीम हॉस्पिटल में लड़की के परिजनों से मिलने में पहुंच गई. 6 सितंबर को पुलिस से सफाई दी थी की लड़की के कपड़े नहीं उतरवाए गए, लेकिन 7 सितंबर की शाम पुलिस ने नया बयान दिया. कानपुर साउथ की एडीसीपी अंकिता शर्मा ने बयान जारी किया की लड़की के आरोप पर पुलिस अमन को पड़कर थाने लाई. उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई. थाने में लड़के ने कहा कि मैं लड़की से प्यार करता हूं मेरे हाथ पर उसका नाम लिखा है और उसके जांघ पर मेरा नाम लिखा है.
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लड़की के पैर पर लिखा मिला आरोपी का नाम: पुलिस
पुलिस के मुताबिक, अमन के लगाए गए आरोप की जांच करने के लिए थाने में बने महिला डेस्क में नाबालिग लड़की के कपड़े महिला सिपाहियों के सामने उतारे गए थे. लड़की के पैर के ऊपर अमन का नाम लिख पाया भी गया. लड़के के ऊपर छेड़खानी का केस दर्ज किया गया था. उसमें 7 साल की सजा होती है. इसलिए उसे थाने से ही जमानत मिल गई थी. परिवार के लोग उसको थाने से जमानत मिलने पर समझ पाए कि शायद पुलिस ने कुछ कार्रवाई नहीं की. इसलिए वह पुलिस से नाराज थे. वह कंट्रोवर्सी में पुलिस पर आरोप लगाने लगे. एडीसीपी अंकित शर्मा के साथ खड़े लड़की के पिता ने का कहना है कि पुलिस ठीक कम कर रही है.