यूपी की कानपुर पुलिस फिर सुर्खियों में है. यहां एक दारोगा और सिपाही को डेढ़ लाख रुपये वसूली के मामले में निलंबित किया गया है. दोनों पर आरोप है कि उन्होंने एक शख्स की मदद से बीटीसी छात्र की स्कूटी में चरस रखकर उसे फर्जी केस में फंसाने की धमकी दी. फिर डरा-धमका कर छात्र से डेढ़ लाख रुपये ऐंठ लिए. पीड़ित ने इसकी शिकायत सीनियर अधिकारियों से की तो मामले का खुलासा हुआ. जिसपर अब आरोपियों के खिलाफ एक्शन लिया गया.
दरअसल, कोहना थाना क्षेत्र के रानीघाट चौकी के सब-इंस्पेक्टर कपिल यादव और सिपाही राहुल वर्मा पर बीटीसी छात्र नितिन त्रिपाठी से डेढ़ लाख रुपये वसूलने के आरोप लगे हैं. न्याय की गुहार लगाते हुए पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे पीड़ित नितिन ने बताया कि 23 जनवरी को उसका दोस्त वासु सोनकर मेरी स्कूटी मांगकर ले गया था.
थोड़ी देर बाद उसका फोन आया कि मोतीझील आ जाओ कुछ मामला हो गया है. वासु के कहने पर मैं वहां गया और उससे स्कूटी ले ली. वासु वाशरूम का बहाना बनाकर वहां से हट गया था. इसी दौरान स्विफ्ट कार से आए रानीघाट चौकी इंचार्ज कपिल यादव, सिपाही राहुल वर्मा और एक अन्य पुलिसकर्मी ने मुझे पकड़ लिया. बोले कि कार में बैठो थाने चलना है.
इस तरह पुलिसवाले नितिन को कार से थाना कोहना लेकर चले गए. जब नितिन ने थाने लाने की वजह पूछी तो उन्होंने बताया कि उसकी स्कूटी से 500 ग्राम चरस बरामद हुई है. जिसपर नितिन ने कहा कि स्कूटी मेरा दोस्त वासु ले गया था. लेकिन पुलिसवाले मानने को तैयार नहीं हुए. काफी मिन्नतें करने के बाद दो लाख रुपये में छोड़ने की बात कही. जिसपर नितिन ने अपने भाई को फोन किया.
बाद में ढेड़ लाख रुपये लेकर पुलिसवालों ने नितिन को छोड़ दिया. पीड़ित नितिन का आरोप है कि ये सब उसके दोस्त वासु, दारोगा कपिल यादव और सिपाही राहुल वर्मा की मिलीभगत है. तीनों ने मिलकर उसके साथ फ्रॉड किया है.
इस मामले में डीसीपी सेंट्रल प्रमोद कुमार ने बताया कि जांच करवाई गई है. आरोपी सिपाही और दारोगा ने अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर कार्यवाही को अंजाम दिया. दोनों को निलंबित कर दिया गया है. आगे की जांच की जा रही है.