कानपुर में 10वीं के छात्र कुशाग्र की हत्या का खुलासा करने में मुख्य भूमिका निभाने वाले सोसायटी गार्ड राजेंद्र को पुलिस ने सम्मानित किया है. राजेंद्र ने ही सबसे पहले हत्यारोपियों के बारे में अहम इनपुट दिया था. मुख्य आरोपी प्रभात जब कुशाग्र के घर फिरौती वाला लेटर फेंकने आया था, तभी गार्ड राजेंद्र की नजर उसपर पड़ गई थी. उसने प्रभात की स्कूटी का नंबर नोट कर लिया था. जिसकी मदद से पुलिस उस तक आसानी से पहुंच पाई. हालांकि, अब गार्ड को अपनी सुरक्षा की चिंता सता रही है.
पुलिस के मुताबिक, ट्यूशन टीचर रचिता वत्स और उसके प्रेमी प्रभात शुक्ला ने इस हत्याकांड को अपने साथी संग मिलकर अंजाम दिया था. 30 अक्टूबर की रात में 10 बजे के करीब प्रभात 30 लाख की फिरौती वाला लेटर कुशाग्र के घर फेंकने आया था. इस दौरान उसका एक दोस्त भी साथ था. दोनों रचिता की स्कूटी से आए थे. लेकिन उन्होंने गाड़ी का नंबर बदल दिया था. नंबर प्लेट पर कालिख भी पोत दी थी. मगर गार्ड राजेंद्र की समझदारी और पैनी नजर से बच नहीं सके.
दरअसल, रात के समय प्रभात और उसके साथी ने चेहरा ढक रखा था. उनके हाव-भाव और बाइक देखकर गार्ड को शक हो गया. उसने बाइक का नंबर नोट कर लिया. जिसके आधार पर कुशाग्र के घरवाले रचिता तक पहुंचे फिर धीरे-धीरे प्रभात और उसका साथी पुलिस की गिरफ्त में आ गया. गार्ड के इनपुट के आधार पर पुलिस ने कुशाग्र हत्याकांड का खुलासा महज 6-7 घंटे में ही कर दिया.
पुलिस ने किया गार्ड को सम्मानित
ऐसे में कानपुर पुलिस ने आज (2 नवंबर) गार्ड राजेंद्र को सम्मानित किया है. डीसीपी सेंट्रल द्वारा रायपुरवा थाना क्षेत्र में उसे सम्मानित किया गया. हालांकि, अब गार्ड राजेंद्र का कहना है कि मैंने 'हत्यारों' को पकड़वाया इसकी खुशी तो है मगर मुझे अब अपनी सुरक्षा की भी चिंता हो रही है. इसलिए मैंने कमिश्नर साहब से अपनी सुरक्षा के लिए कहा है.