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कानपुर: लोको पायलट की मौत से भड़के रेल कर्मचारी, स्टेशन पर किया जमकर प्रदर्शन, 45 मिनट खड़ी रही शताब्दी ट्रेन

कानपुर में ट्रक से कुचलकर एक लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) की मौत हो गई. लोको पायलट ड्यूटी खत्म कर घर जा रहा था. लोको पायलट की मौत से गुस्साए कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन पर जमकर हंगामा किया. जिससे करीब 45 मिनट शताब्दी ट्रेन स्टेशन पर ही खड़ी रही.

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कानपुर स्टेशन पर प्रदर्शन करते रेलवे कर्मचारी
कानपुर स्टेशन पर प्रदर्शन करते रेलवे कर्मचारी

यूपी के कानपुर में ट्रक से कुचलकर एक लोको पायलट (ट्रेन ड्राइवर) की मौत हो गई. लोको पायलट ड्यूटी खत्म कर घर जा रहा था. तभी हाईवे पर उसके साथ दर्दनाक हादसा हो गया. लोको पायलट की मौत से गुस्साए कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन पर जमकर हंगामा किया. जिससे करीब 45 मिनट शताब्दी ट्रेन स्टेशन पर ही खड़ी रही. बाद में सीनियर अधिकारियों के समझाने-बुझाने पर किसी तरह मामला शांत हुआ. 

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दरअसल, आज तड़के कानपुर-प्रयागराज हाईवे पर रेलवे के असिस्टेंट लोको पायलट को एक तेज रफ्तार ट्रक ने कुचल दिया. इस हादसे में उसकी मौके पर ही मौत हो गई. लोको पायलट रात की शिफ्ट खत्म करके सुबह वापस अपने घर पर लौट रहा था. तभी तेज रफ्तार ट्रक ने उसे टक्कर मारी और फिर भागने के चक्कर में उसपर ट्रक चढ़ा दिया. 

इसी घटना से नाराज रेलवे कर्मचारियों ने पहले अस्पताल में हंगामा काटा और फिर उसके बाद रेलवे स्टेशन पर विरोध-प्रदर्शन किया. कर्मचारियों की नाराजगी पुलिस और रेलवे के अधिकारियों पर थी. उनका कहना था कि पुलिस मौके पर देर से पहुंची. ट्रक चालक को भी गिरफ्तार नहीं कर सकी. 

मृतक लोको पायलट का नाम दिव्यांश दुबे है. वो लखनऊ का रहने वाला था. वर्तमान में वो कानपुर के बर्रा में किराए के मकान में रहता था. उसकी तैनाती सरसौल में बने न्यू कानपुर डीएफसी स्टेशन में थी. दिव्यांश के साथी कर्मचारियों ने बताया कि हमारी पोस्टिंग जंगल में बने नए स्टेशनों में की जा रही है, जिसकी वजह से काफी असुविधा होती है. 

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कर्मचारियों के मुताबिक, उन्होंने कई बार मौखिक और लिखित रूप से इस विषय को अधिकारियों को बताया है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसका नतीजा यह है कि 27 वर्षीय दिव्यांश दुबे को अपनी जान गंवानी पड़ी. रेलवे कर्मचारियों का यह भी कहना है कि वो अब इस मुद्दे को रेलवे मुख्यालय तक लेकर जाएंगे. इसी के चलते भारी तादाद में कर्मचारी रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन करने लगे और रेलवे लाइन तक पहुंच गए. जिस कारण शताब्दी ट्रेन 45 मिनट तक रुकी रही. फिलहाल, डीआरएम प्रयागराज ने इस मामले में एक कमेटी बना दी है जो इस विषय की जांच करेगी.

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