कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस ट्रेन को पलटाने की साजिश की जांच करने के लिए पुलिस और एटीएस की टीमें जुटी हैं. इस मामले का खुलासा करने के लिए पुलिस की ओर से पांच टीमों का गठन किया गया है. इसके अलावा पुलिस ने दो हिस्ट्रीशीटरों को भी हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है. बता दें कि रविवार रात करीब 8:30 बजे प्रयागराज से भिवानी की ओर जा रही कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे लाइन पर रखे एलपीजी सिलेंडर से टकराई थी, जिसके बाद करीब आधे घंटे तक ट्रेन खड़ी रही.
रेलवे लाइन पर सिलेंडर आखिर किन लोगों ने रखा था. कहीं ऐसा तो नहीं कि जमात या बाहर से आए लोगों ने सिलेंडर को पटरियों पर रखा था. इस एंगल से पुलिस जांच कर रही है. जो मिठाई के डिब्बे में पेट्रोल और बारूद बरामद किया था और जहां से माचिस मिली है, उसकी भी जांच की जा रही है. इसकी जांच के लिए ADCP एलआईयू ने भी एक टीम लगाई है.
रात में LPG सिलेंडर से टकराई थी ट्रेन
पुलिस की ओर से बताया गया है कि 8 सितंबर की रात करीब 8:30 बजे अनवरगंज-कासगंज रेलवे लाइन पर बर्राजपुर और बिल्हौर के बीच कालिंदी एक्सप्रेस रेलवे ट्रैक पर रखे भरे एलपीजी सिलेंडर से टकरा गई. लोको पायलट ने बताया कि उसे ट्रैक पर कोई संदिग्ध चीज दिखाई दी जिसके बाद उसने ब्रेक मारी, लेकिन उसके बाद भी ट्रेन पर काबू नहीं किया जा सका और ट्रेन उस चीज से टकरा गई, जिसके बाद काफी तेज आवाज हुई. लोको पायलट के मुताबिक, इस घटना के बाद उसने ट्रेन को रोक दिया और गार्ड समेत अन्य अधिकारियों को इस घटना की जानकारी दी.
घटना की जानकारी मिलते ही अनवरगंज स्टेशन के रेलवे अधीक्षक, आरपीएफ और अन्य रेलवे अधिकारी मौके पर पहुंच गए. मौके पर जांच की गई तो झाड़ियों में पुलिस को एलजीपी का एक सिलेंडर, मिठाई के डिब्बे में पेट्रोल की बोतल और बारूद के साथ ही माचिस जैसे कई घातक पदार्थ भी मिले. ट्रेन को आधा घंटा रोकने के बाद रवाना कर दिया गया. मौके पर पुलिस और फॉरेंसिक टीमों ने आकर जांच पड़ताल की. सभी संदिग्ध वस्तुओं को जांच के लिए भेज दिया गया.
बीजेपी सांसद बोले- सरकार सख्त एक्शन लेगी
वहीं कानपुर देहात से बीजेपी सांसद ने कहा कि जिस तरह से भारतीय रेलवे को लगातार अराजक तत्वों के द्वारा निशाना बनाए जाने की कोशिश की जा रही है, वह ट्रेनों और यात्रियों की सुरक्षा के लिए गंभीर विषय है. उन्होंने कहा, "रेलवे ट्रैक पर गैस सिलेंडर रखकर रेल दुर्घटना करवाने की कोशिश की गई है. वंदे भारत पर पत्थरबाजी के मामले लगातार सामने आते ही रहते हैं. मैं जनता को पूरा विश्वास दिलाना चाहता हूं कि सुरक्षा एजेंसी और पुलिस लगातार इस पर नजर बनाए हुए हैं और ऐसे देश विरोधी अराजक तत्वों के खिलाफ हमारी सरकार सख्त से सख्त एक्शन लेगी."
साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे हुए थे डीरेल
बीते 17 अगस्त की रात कानपुर-झांसी रूट पर साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे इंजन समेत पटरी से नीचे उतर गए थे. ये ट्रेन वाराणसी से अहमदाबाद जा रही थी. हादसे का शिकार हुई ट्रेन के ड्राइवर ने बताया था कि बोल्डर के इंजन से टकराने के कारण हादसा हुआ क्योंकि जैसे ही बोल्डर इंजन से टकराया, वैसे ही इंजन का कैटल गार्ड बुरी तरह से मुड़ गया. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया था कि इस हादसे की जांच इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और यूपी पुलिस कर रही है. हादसे के एविडेंस सुरक्षित कर लिए गए हैं.
कानपुर में 2016 में हुआ था भीषण हादसा
कानपुर में इससे पहले कई बड़े रेल हादसे हो चुके हैं. नवंबर, 2016 में कानपुर देहात के पुखरायां रेलवे स्टेशन के पास इंदौर-पटना एक्सप्रेस पटरी से उतर गई थी, जिसमें करीब 150 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 150 से ज्यादा लोग घायल भी हुए थे. ये हादसा देश की बड़ी रेल दुर्घटनाओं में शामिल है. इसके बाद साल 2017 में औरैया के पास कैफियत एक्सप्रेस के डिब्बे डीरेल हुए थे, जिसमें 70 से ज्यादा यात्री घायल हुए थे.