यूपी में योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा के रास्तों पर दुकानदारों के नाम लिखवाने का फऱमान सुनाया तो सियासत गरमाते देर नहीं लगी.विपक्षी दलों के अलावा एनडीए के सहयोगी दलों ने भी सरकार के इस फैसले पर आपत्ति जताई है. जेडीयू, एलजेपी के बाद अब राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने भी इस फैसले पर सवाल उठाए हैं. आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी ने कहा कि कांवड यात्रियों की सेवा सब करते है. न तो कांवड लेकर जाने वाला व्यक्ति कोई किसी की पहचान करता है.
जयंत चौधरी ने कहा, 'कांवड यात्री जाति धर्म की पहचान करके सेवा नहीं लेता है. इस मुद्दे को धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. बीजेपी ने ज्यादा समझकर फैसला नहीं लिया. बस फैसला ले लिया इसलिए अब उसके ऊपर टिकी हुई है सरकार. अभी भी समय है कि सरकार को फैसला वापस लेना चाहिए. अब कहां-कहां लिखें अपना नाम. क्या अपने कुर्ते पर भी लिख लें अपना नाम कि नाम देखकर हाथ मिलाओगे मुझसे?'
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योगी सरकार का आदेश
आपको बता दें कि योगी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों-ठेले वालों के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ' नेमप्लेट' लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होगा लिखना. सीएमओ के मुताबिक, कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कार्रवाई होगी.
दिखा आदेश का असर
इस बार पूरे कांवड़ मार्ग पर यूपी और उत्तराखंड सरकार के आदेश का असर साफ दिख रहा है. रास्तों में जगह-जगह पर दुकानों में दुकानदारों के नाम की पर्चियां लगाई गई हैं.नामों की इन्हीं पर्चियों पर हिंदू-मुसलमान वाली सियासत गरमा गई है. कोई इस फैसले के संविधान के खिलाफ बता रहा है तो कोई समाज में नफरत फैलाने वाली साजिश का हिस्सा.
कांवड़ यात्रा के बीच जैसे ही सरकार की ओर से ये फरमान आया. हरिद्वार से आने वाले मुजफ्फरनगर हाइवे पर नजारा ही बदल गया. आरिफ हो या वकील, दानिश हो या इरफान... सबके नाम साफ-साफ दिखाई दे रहे हैं. नामों वाली इस तख्तियों के बीच सियासी हमले तेज हो गए हैं.
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विरोधी दलों ने उठाए सवाल
वैसे तो हर बार कांवड़ियों और कांवड़ यात्रा के लिए योगी सरकार और यूपी प्रशासन कुछ ना कुछ नया करता है. चाहे वो हेलिकॉप्टर से फूल बरसाना हो या फिर कांवड़ियों की तरह-तरह से सेवा करना हो, लेकिन अबकी बार कांवड़ियों के रूट पर नेम प्लेट वाला फरमान आया तो विपक्ष के साथ-साथ अपनों ने भी सवाल उठा दिए.
विरोधी दल सरकार के इस कदम पर सवाल उठा रहे हैं लेकिन बीजेपी नेता इसे कांवड़ यात्रा की शुचिता से जोड़ रहे हैं और तो और अपने इलाकों में भी इसी तरह के कदम की मांग कर रहे हैं.