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'मेरे भाई को पुलिस ने मारा...' कस्टडी में आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक की मौत, परिजनों ने मांगा मुआवजा

कासगंज में 9 फरवरी को एक युवक ने अमांपुर थाने में पुलिस के उत्पीड़न से परेशान होकर शौचालय के अंदर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. इसके बाद उसको गंभीर हालत में जिला अस्पताल से अलीगढ़ के लिए रेफर कर दिया गया था. यहां उसकी मौत हो गई है. परिवार ने इसका आरोप गांव के प्रधान और पुलिस पर लगाया है.

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पुलिस कस्टडी में आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक की मौत. (सांकेतिक तस्वीर)
पुलिस कस्टडी में आत्महत्या की कोशिश करने वाले युवक की मौत. (सांकेतिक तस्वीर)

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में कासगंज (Kasganj) के अमांपुर में 6 दिन पहले पुलिस कस्टडी में एक युवक ने खुदकुशी की कोशिश की थी. इसके बाद उसको गंभीर हालत में अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया था. यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई है. मृतक का शव उसके गांव पहुंचने के बाद परिजनों ने इस मामले में आरोपी पुलिस कर्मी को गिरफ्तार करने की मांग की है. 

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जानकारी के मुताबिक, 9 फरवरी को गौरव नाम (20 साल) ने पुलिस के उत्पीड़न से परेशान होकर थाने में आत्महत्या की कोशिश की थी. इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, जहां वो पिछले छह दिनों से जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था. 

यह भी पढ़ें: Gujarat Crime: धोखाधड़ी का केस, पुलिस कस्टडी में पिटाई और अस्पताल में मौत... PSI के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज

मृतक के परिजनों ने देवरी ग्राम प्रधान श्याम सिंह सुमन सहित पांच लोगों के अलावा पुलिस पर उत्पीड़न कर हत्या करने का आरोप लगाया है. परिजनों ने पुलिस पर युवक को छोड़ने के नाम पर 5 लाख रुपये मांगने का भी आरोप लगाया है. उनका कहना है कि गौरव घर का सबसे बड़ा बेटा था. खेती-मजदूरी करके खर्च चलता था. उसकी मौत के बाद उसके छोटे भाई-बहन का भरण-पोषण करने वाला कोई नहीं है. 

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उन्होंने कहा कि सरकार परिजनों को 10 बीघा जमीन और 50 लाख रुपये मुआवजा दे. इसके बाद ही अंतिम संस्कार किया जाएगा. जिला प्रशासन के काफी समझाने और मांगों को पूरा करने का आश्वासन देने के बाद मृतक का अंतिम संस्कार किया गया. बता दें कि विरोध के चलते पुलिस ने पूरे गांव को छावनी में तब्दील कर दिया है.

युवक को कस्टडी में क्यों रखा गया था?

गौरव, अमांपुर थाना क्षेत्र के रसलुआ सुलहपुर निवासी रघुराज का पुत्र था. उस पर गांव की लड़की को भगाने का आरोप था. लड़की के पिता वीरपाल, गांव के प्रधान श्याम सिंह सुमन और पांच अन्य साथियों के साथ तीन फरवरी को युवक को घर से उठा कर ले गए. उसके साथ मारपीट की और थाने में बंद करवा दिया था. 

अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज

युवक की मौत के बाद पुलिस ने अपनी गलती दबाने के लिए लड़की के पिता और श्याम सिंह सुमन को नामजद करते हुए अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया. एसपी अर्पणा रजत कौशिक ने इंस्पेक्टर यतेंद्र प्रताप और आइओ गया प्रसाद को निलंबित कर दिया. 

'मेरे भाई को पुलिस ने मारा है'

मृतक की छोटी बहन राधा और मां उर्मिला, बेटे के लिए इंसाफ की मांग कर रही हैं. वो चीख-चीखकर हत्या का आरोप पुलिस और प्रधान के सहयोगियों पर लगा रही हैं. मामला तूल पकड़ने के बाद सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. गांव से लेकर अमांपुर तक मथुरा, अलीगढ़, हाथरस और एटा की पुलिस फोर्स तैनात की गई है. 

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मृतक की बहन राधा का कहना है, 'मेरे भाई को इंसाफ चाहिए. जिन दुश्मनों ने मेरे भाई को मारा है, उनको भी सामने लाया जाए. मेरे भाई को पुलिस वालों ने मारा है, उसको घर से पकड़ कर ले गए थे'.

कासगंज एडीएम राकेश पटेल ने कहा कि थाने में हुई मौत के मामले की विवेचना जारी है. सहायता के लिए परिवार वालों से बात हुई है. उनको आश्वासन दे दिया गया है कि उनके प्रस्ताव को शासन के पास भेज दिया जाएगा.

रिपोर्ट- देवेश पाल सिंह
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