वाराणसी के प्रसिद्ध श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में इस बार होली के त्योहार को खास अंदाज में मनाया जाएगा. पहली बार, मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर से भेजे गए रंग, गुलाल और अबीर का इस्तेमाल काशी विश्वनाथ धाम में होली के उत्सव के लिए किया जाएगा. मंदिर प्रशासन ने सोमवार को इसकी जानकारी दी. श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विश्वभूषण मिश्रा ने बताया कि पहली बार दोनों मंदिरों के बीच त्योहारों पर उपहारों का आदान-प्रदान शुरू किया गया है.
उन्होंने बताया, 'इस परंपरा के तहत काशी विश्वनाथ धाम की ओर से एक विशेष उपहार मथुरा के लड्डू गोपाल जी को भेजा गया. इसके बदले में मथुरा से रंग, अबीर और गुलाल काशी पहुंचा, जो रंगभरी एकादशी और होली के दौरान उत्सव में प्रयोग किया जाएगा.' यह परंपरा श्रीकृष्ण जन्मस्थान मंदिर के अधिकारियों कपिल शर्मा और गोपेश्वर चतुर्वेदी के साथ चर्चा के बाद शुरू की गई और इसे भविष्य में भी जारी रखा जाएगा.
रंगभरी एकादशी का तीन दिवसीय उत्सव
मंदिर में इन दिनों रंगभरी एकादशी का भव्य तीन दिवसीय उत्सव मनाया जा रहा है. रविवार को उत्सव के दूसरे दिन श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा का हल्दी उत्सव धूमधाम से मनाया गया. मथुरा से आए श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ को विशेष उपहार और गुलाल अर्पित किया, वहीं सोनभद्र से आए आदिवासी भक्तों ने पलाश के फूलों से बना हर्बल गुलाल चढ़ाया.
मंदिर प्रशासन के अनुसार, CEO विश्वभूषण मिश्रा और उप जिलाधिकारी शंभू शरण ने मंदिर में विशेष पूजा कर भगवान विश्वेश्वर महादेव को हर्बल गुलाल अर्पित किया.
भव्य पालकी यात्रा निकाली गई
उत्सव के दौरान श्री काशी विश्वनाथ और माता गौरा की चांदी की पालकी भव्य शोभायात्रा के रूप में मंदिर परिसर में निकाली गई. भक्तों ने पुष्प, हल्दी, अबीर और गुलाल उड़ाते हुए भक्ति गीत गाए. शाम के समय फूलों से सजी पालकी में भगवान काशी विश्वनाथ और माता गौरा की प्रतिमाओं को मंदिर परिसर में घुमाया गया. इस दौरान भक्तगण 'हर हर महादेव' के जयकारे लगाते रहे. काशी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने भी भगवान को हल्दी, फूल और गुलाल अर्पित कर पूजा-अर्चना की.
तीन दिवसीय रंगभरी एकादशी उत्सव मंदिर की पुरानी परंपराओं के अनुरूप मनाया जा रहा है, जिससे धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके. मंदिर प्रशासन के अनुसार, इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और स्थानीय लोग भाग ले रहे हैं.