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कौशांबी: मां को 'जिंदा' साबित करने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहा दिव्यांग बेटा, ढाई साल से अटकी है वृद्धा पेंशन

कौशांबी जिले में समाज कल्याण अधिकारी का अजब-गजब कारनामा सामने आया है. यहां अधिकारियों ने कागज पर एक बुजुर्ग महिला को मृत दिखाकर उसकी पेंशन रोक दी. जब महिला को इसकी जानकारी हुई तो वह अधिकारियों के दफ्तर पहुंची. लेकिन ढाई साल से समाधान नहीं हुआ.  

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कौशांबी में बुजुर्ग महिला को कागजों में मृत घोषित किया
कौशांबी में बुजुर्ग महिला को कागजों में मृत घोषित किया

यूपी के कौशांबी जिले में समाज कल्याण अधिकारी का अजब-गजब कारनामा सामने आया है. यहां अधिकारियों ने कागज पर एक बुजुर्ग महिला को मृत दिखाकर उसकी पेंशन रोक दी. जब महिला को इसकी जानकारी हुई तो वह भागी-भागी दफ्तर पहुंची. लेकिन समाधान नहीं हुआ. बताया जा रहा है कि बुजुर्ग महिला पिछले ढाई साल से अपने को जीवित दिखाने के लिए अधिकारियों के चक्कर लगाती रही, लेकिन उसकी किसी ने नहीं सुनी. फिलहाल, अब मामले में DM ने जांच के बाद लापरवाही करने वाले के खिलाफ एक्शन लेने का आदेश दिया है. 

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पूरा मामला कौशांबी के मंझनपुर तहसील के काटीपर गांव का है, जहां 70 वर्षीय राजकुमारी देवी पर पति की मौत के बाद मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. घर में उनका एक दिव्यांग बेटा भी है. आरोप है कि अधिकारियों ने राजकुमारी देवी को कागजों में मृत दिखा कर वृद्धा पेंशन रोक दी. पेंशन से ही राजकुमारी और उनके दिव्यांग बेटे का किसी तरह से जीवन यापन हो रहा था. 

अब राजकुमारी खुद को जिंदा साबित करने के लिए पिछले ढाई साल से विकास भवन के चक्कर लगा रही हैं. गर्मी हो या सर्दी राजकुमारी अपने दिव्यांग बेटे के साथ उसकी ट्राई साइकिल से अधिकारियों के पास पहुंच जाती हैं और फ़रियाद लगाती हैं. लेकिन अधिकारी हैं कि उनका दिल नहीं पसीजता. आखिर में वो फ़रियाद लेकर DM के पास पहुचीं और मामले की शिकायत की. 

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महिला का कहना है कि जिले के आलाधिकारियों के कार्यालय पहुंचने के बाद भी कोई भी सुनने वाला नहीं है. पेंशन बंद होने के कारण एक-एक पैसे के लिए हमारा परिवार तरस रहा है. लेकिन कोई भी अधिकारी सुध नहीं ले रहा है. वहीं, उनके दिव्यांग बेटे राम बहादुर का कहना है कि मेरी मां को वृद्धा पेंशन मिलती थी, जिससे घर का खर्च चल रहा था. करीब ढाई साल से मेरी मां को समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों द्वारा कागज़ों में मृत दिखा दिया गया, जिसके बाद से मैं अपनी मां को ट्राई साइकिल पर बैठाकर 30 किलोमीटर दूर अधिकारियों के पास आता हूं, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है. 

फिलहाल, DM मधुसूदन हुल्गी ने कहा है कि मामला संज्ञान में आते ही हम लोगों ने संबंधित अधिकारी से बात की है. लापरवाही पर BDO और सचिव एक्शन लिया जाएगा. जल्द पेंशन बहाली के लिए कहा गया है. 

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