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सिर में धंसा था चाकू... 45 KM का सफर करके युवक पहुंचा अस्पताल, तीन घंटे चली सर्जरी के बाद बची जान

दिनेश चिल्लाने लगा तो आसपास के लोग भागे-भागे आए. आरोपी मौके से भाग गया. खून में लथपथ दिनेश की कनपटी में धंसे चाकू को लोगों ने निकालने की कोशिश की. लेकिन वह सफल नहीं हो सके. दिनेश को जिला अस्पताल कानपुर देहात ले जाया गया. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल डॉक्टरों ने उसे कानपुर शहर के हैलेट हॉस्पिटल रेफर कर दिया.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

डॉक्टर का भगवान का दर्जा दिया गया है. आज एक बार फिर यह कहावत सच होती नजर आई. यूपी के कानपुर स्थित हैलट अस्पताल में पहुंचे एक युवक को देखकर डॉक्टर हैरान रह गए. क्योंकि युवक की कनपटी में 7 इंच अंदर तक चाकू धंसा हुआ था. सामने आया है कि युवक पर जानलेवा हमला हुआ था. इसी दौरान चाकू उसकी कनपटी में धंस गया था. डॉक्टरों ने 3 घंटे की सर्जरी के बाद चाकू बाहर निकाला और युवक की जान बचाई.

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दरअसल, कानपुर देहात के अकबरपुर में रहने वाले दिनेश चौहान अपने पड़ोस में रहने वाले दारासिंह भदौरिया से किसी बात पर विवाद हो गया था.4 अगस्त की शाम को दारासिंह ने दिनेश पर जानलेवा हमला कर दिया. उसने चाकू से दिनेश को मारने की कोशिश की. दारासिंह ने दिनेश के गले में चाकू घोंपने का प्रयास किया था, लेकिन दिनेश ने जैसे ही अपनी गर्दन हटाई तो चाकू उसके कान के पास कनपटी में जा घुसा.

आरोपी मौके से भाग निकला

दिनेश चिल्लाने लगा तो आसपास के लोग भागे-भागे आए. आरोपी मौके से भाग गया. खून में लथपथ दिनेश की कनपटी में धंसे चाकू को लोगों ने निकालने की कोशिश की. लेकिन वह सफल नहीं हो सके. दिनेश को जिला अस्पताल कानपुर देहात ले जाया गया. उसकी गंभीर हालत को देखते हुए जिला अस्पताल डॉक्टरों ने उसे कानपुर शहर के हैलट हॉस्पिटल रेफरकर दिया.

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7 इंच तक धंस था चाकू

कानपुर देहात के अकबरपुर से कानपुर शहर में मौजूद हैलट अस्पताल का करीब 45 किमी का सफर तय कर दिनेश शनिवार की रात करीब एक बजे अस्पताल पहुंचा. यहां उसे इमरजेंसी में एडमिट कराया गया. डॉक्टर भी दिनेश की हालत देखकर हैरान रह गए. बताया गया कि चाकू दिनेश की कनपटी में 7 इंच चक धंस गया था और मस्तिष्क के करीब पहुंच गया था.

हैलट अस्पताल के डॉक्टर निशांत सौरभ सक्सेना ने पहले दिनेश चौहान का एमआरआई कराया. इसमें सामने आया कि चाकू दिनेश के मस्तिष्क की नसों में जाकर फंस गया है. अगर, चाकू को हलका सभी हिलाया तो नस कट सकती है और दिनेश की जान जा सकती है. 

तीन घंट में निकाला चाकू

डॉ. सक्सेना ने अपने अन्य सीनियर सर्जनों के साथ एक मीटिंग की. पता किया कि दिनेश का ऑपरेशन कैसे किया जाए. शनिवार सुबह 9 बजे दिनेश का ऑपरेशन किया गया. 4 डॉक्टरों की टीम ने लगभग ढाई घंटे तक इस जटिल ऑपरेशन को पूरी सावधानी के साथ अंजाम दिया और दिनेश की कनपटी में धंसे चाकू को सावधानी के साथ बाहर निकाला.

दिनेश की इलाज जारी

ऑपरेशन को लेकर डॉ. निशांत सौरभ सक्सेना ने कहा कि मरीज की हालत बहुत ही गंभीर थी. हल्की सी चूक से दिनेश को लकवा मार सकता था या फिर उसकी जान भी जा सकती थी. कनपटी में धंसे चाकू ने उसके दिमाग की कई नसों को काट दिया था. बड़ी ही सावधानी से इस जटिल ऑपरेशन को अंजाम दिया गया. फिलहाल दिनेश को ऑब्जर्वेशन में रखा गया है. इलाज जारी है. 

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