उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेताओं और माफियाओं की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है. गैंगस्टर एक्ट के मामले में मुख्तार अंसारी को गाजीपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने 10 साल की और अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा सुनाई है.
कोर्ट के इस फैसले पर बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय के बेटे पियूष राय ने कहा, 'आज का दिन हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है, मेरी मां ने बीते कई सालों से संघर्ष किया, हम लगातार अंसारी परिवार से लड़ रहे हैं.'
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने जो फैसला सुनाया है वो शिरोधार्य है लेकिन इसके लिए बदली परिस्थितियां भी कम जिम्मेदार नहीं है. पियूष ने कहा, 'आज प्रदेश में हालात बदले हैं, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार का असर है जो माफियाओं-अपराधियों पर कार्रवाई हो रही है.'
दिवंगत विधायक के बेटे ने कहा, 'मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अपराध और अपराधियों के खिलाफ जो मुहिम छेड़ी है उसी का नतीजा है कि मुख्तार अंसारी और अफजल अंसारी को सजा हो रही है.'
बता दें कि कृष्णानंद राय हत्याकांड में निचली अदालत से ही यह सभी लोग बरी हो गए थे लेकिन अब सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट में अपील की है. पियूष ने बताया कि केस में गवाही हो रही है, मुझे उम्मीद है कि कृष्णानंद राय हत्याकांड में भी जल्द फैसला आएगा और हमें न्याय मिलेगा.
मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा, 5 लाख का जुर्माना
कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने उस पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. वहीं मुख्तार के भाई और बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी दोषी करार दिया गया है. मुख्तार अंसारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट की सुनवाई में जुड़ा जबकि अफजाल कोर्ट में पेश हुआ.
2012 से चल रहा था ट्रायल
यूपी के बहुचर्चित कृष्णानंद राय हत्याकांड और व्यापारी नंदकिशोर रूंगटा अपहरण के बाद मुख्तार और अफजाल पर गैंगस्टर एक्ट में केस दर्ज किया गया था. इस मामले में 2007 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत अफजाल अंसारी, उनके भाई माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज हुआ था.
एजाजुल हक का देहांत हो चुका है. इस मामले में 1 अप्रैल को सुनवाई पूरी हो गई थी. पहले इस मामले में पहले 15 अप्रैल को फैसला आना था लेकिन बाद में तारीख को बढ़ाकर 29 अप्रैल कर दिया गया था. इस मामले में साल 2012 में गाजीपुर की MP-MLA कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ था.
कैसे हुई थी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या
आज से 18 साल पहले 29 नवंबर 2005 को गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय अपना काफिला लेकर भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में एक क्रिकेट टूर्नामेंट का उद्घाटन करने गए थे.
गांव ज्यादा दूर नहीं था तो उस दिन वह अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी नहीं ले गए थे. जब वह कार्यक्रम से लौट रहे थे तो बसनिया चट्टी के पास घात लगाए हमलावरों ने उनके काफिले पर हमला कर दिया था. हमलावर ने एके-47 से अंधाधुंध फायरिंग कर दी थी. कई मिनट तक पूरा इलाका गोलियों की आवाज से गूंजता रहा था.
कहते हैं कि हमलावरों ने करीब 500 राउंड फायरिंग की थी. हमलावरों ने कृष्णानंद राय के शरीर को गोलियों से भून दिया था. बताया जाता है कि उनके शरीर से 60 से भी ज्यादा गोलियां मिली थीं. इतना ही नहीं उन्होंने बीजेपी नेता की शिखा भी काट दी थी. इस हमले में उनके काफिले में शामिल 7 लोगों को नृशंस हत्या कर दी थी. इस हमले में मुख्तार अंसारी और उनके भाई अफजाल अंसारी को आरोपी बनाया गया था. बताया गया कि इस हत्याकांड के पीछे चुनावी रंजिश वजह थी.