उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्ष ने कुंभ मेले की पुरानी त्रासदियों की तरह इस बार भी सैकड़ों मौतों की आशंका जताई थी, लेकिन सरकार की सख्त व्यवस्थाओं और जनता के सहयोग से सभी पीड़ितों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मिली.
29 जनवरी को प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के अवसर पर हुए भगदड़ में 30 लोगों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए. घटना तब हुई जब लाखों श्रद्धालु पवित्र स्नान के लिए घाटों पर पहुंचे और भीड़ ने बैरिकेड तोड़ दिए.
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा?
PTI को दिए इंटरव्यू में योगी आदित्यनाथ ने अस्पताल में पीड़ितों से मुलाकात की बात बताई. उन्होंने कहा, 'घायल लोगों ने खुद कहा कि सरकार की कोई गलती नहीं थी. वे सुबह 4 बजे तक स्नान करना चाहते थे और पुलिस ने भीड़ को रोकने की कोशिश की, लेकिन श्रद्धालु आगे बढ़ते रहे.'
सपा सरकार की आलोचना
मुख्यमंत्री ने विपक्षी दलों द्वारा मौतों की संख्या छिपाने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि 2025 के कुंभ में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जबकि पिछली सरकारों में लापरवाही देखी गई थी. उन्होंने 2013 के कुंभ में (सपा सरकार के दौरान) स्थायी घाट और कॉरिडोर नहीं बनने की आलोचना की.
योगी आदित्यनाथ ने कहा, 'वे (विपक्ष) 1954 की घटना (जब 1,000 लोगों की मौत हुई थी) या 1974 के हादसे की पुनरावृत्ति चाहते थे. लेकिन इस बार, हमने सफाई, सुरक्षा और डिजिटल ट्रैकिंग का इंतजाम किया, जिससे बड़ी त्रासदी टल गई.'
तकनीक ने निभाई बड़ी भूमिका
इस महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने भाग लिया, जिसमें केवल मौनी अमावस्या के दिन 15 करोड़ लोग शामिल हुए. मुख्यमंत्री ने बताया कि AI आधारित निगरानी, डिजिटल ट्रैकिंग और तकनीकी प्रबंधन से कुंभ का सफल आयोजन हुआ. उन्होंने कहा, 'हर बड़े आयोजन में चुनौतियां होती हैं, लेकिन हमने इन्हें समाधान में बदला.'