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यूपी के बांदा जिले में डॉक्टरों ने एक दिव्यांग शख्स को नई जिंदगी दे दी. दरअसल, शख्स पैरों से दिव्यांग था. वो अस्पताल में हैंडीकैप सर्टिफिकेट बनवाने पहुंचा था. लेकिन डॉक्टरों ने सर्टिफिकेट बनाने के बजाय उसकी दिक्कत को ठीक करने की योजना बनाई. इसी के तहत ऑपरेशन कर उसके दोनों पैर ठीक कर दिए गए. अब शख्स आसानी से चल-फिर सकता है. जिसने भी डॉक्टरों का ये कारनामा देखा हैरान रह गया.
दरअसल, महोबा जिले का रहने वाला मनोज राजधानी दिल्ली में रहकर मेहनत मजदूरी करके परिवार का पालन-पोषण करता था. उसने बताया कि अचानक एक दिन वह बीमार हो गया और चलने-फिरने से लाचार हो गया. पता नहीं उसके पैरों में ऐसा क्या हो गया था. कई जगह इलाज कराया लेकिन आराम नही मिला.
इस बीच मनोज महोबा के स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में हैंडीकैप सर्टिफिकेट बनवाने गया था, जहां डॉक्टरों ने उसको मेडिकल कॉलेज बांदा जांच कराने के लिए भेज दिया. महोबा के डॉक्टरो ने कहा कि वहां जांच होने के बाद ही सर्टिफिकेट बनाया जाएगा.
मनोज ने आगे बताया कि बांदा मेडिकल कॉलेज पहुंचकर उसने डॉक्टर अरविंद (न्यूरो सर्जन) को दिखाया. डॉक्टर ने कहा कि तुम ठीक हो जाओगे बस भर्ती हो जाओ, तुम्हारा ऑपरेशन करना पड़ेगा. मनोज भर्ती हो गया. ऑपरेशन के बाद वो ठीक महसूस कर रहा है.
मनोज ने इसके पहले झांसी, कानपुर आदि जगहों पर इलाज कराया था लेकिन आराम नही मिला, लेकिन बांदा के डॉक्टरो ने उसकी दिव्यांगता ही खत्म कर दी. वो अब चलने फिरने लगा और पूरी तरह स्वस्थ है.
डॉक्टर ने बताई पूरी कहानी
इसको लेकर न्यूरो सर्जन डॉक्टर अरविंद कुमार ने 'आजतक' को बताया कि महोबा का एक युवक हमारे यहां आया था. वो दोनो पैरों से चल नही पाता था, उसको रीढ़ की हड्डी में एस्पाइनल कार्ड ट्यूमर हुआ था. पैरों में कई जगह गांठ जैसी पड़ गई थी, जिससे उसको बहुत तकलीफ हो रही थी. वो पैरों पर खड़ा तक नहीं पा रहा था. यहां उसकी कई सारी जांच कराई गई और ऑपरेशन की सलाह दी गई. मरीज इसके लिए तैयार हो गया. ऑपरेशन सफल रहा अब वो एकदम ठीक है, चल-फिर रहा है. अगले दो हफ्तों में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएगा.
वहीं, रानी दुर्गावती के प्रिंसिपल डॉक्टर सुनील कुमार ने कहा कि मरीज दिव्यांग सर्टिफिकेट बनवाने आया था लेकिन डॉक्टरो के चेक करने के बाद देखा कि उसको सर्टिफिकेट नहीं बल्कि उसकी दिव्यांगता ही खत्म की जा सकती है. मैंने अपनी निगरानी में ऑपरेशन कराया, जिसके बाद अब मरीज एकदम स्वस्थ है. सरकारी फीस के अलावा उसका खर्च भी नही हुआ.