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यूपी-उत्तराखंड बॉर्डर पर शिकारियों के जाल में फंसा तेंदुआ, 12 घंटे बाद रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया

उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा पर एक तेंदुआ शिकारियों के जाल में फंस गया, जिसे करीब 12 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) की टीम ने सुरक्षित रेस्क्यू किया. तेंदुए को निगरानी के लिए सुरई रेंज में भेजा गया है. इस घटना के बाद वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है, ताकि शिकारियों की बढ़ती गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सके.

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जाल में फंसे तेंदुए का किया रेस्क्यू. (Representational image)
जाल में फंसे तेंदुए का किया रेस्क्यू. (Representational image)

उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा (UP Uttarakhand border) पर स्थित भगचुरी गांव में एक तेंदुआ (Leopard) शिकारियों द्वारा लगाए गए जाल में फंस गया. तेंदुआ लगभग 12 घंटे तक फंसा रहा, जिसके बाद वन विभाग और वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) की टीम ने सफलतापूर्वक उसे रेस्क्यू कर लिया. तेंदुए को फिलहाल सुरक्षा और निगरानी के लिए सुरई रेंज में रखा गया है.

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एजेंसी के अनुसार, मंगलवार की सुबह किसानों ने खेतों के पास एक संकरी पगडंडी पर तेंदुए को फंसा हुआ देखा. इसके बाद तुरंत वन विभाग को सूचना दी. सूचना मिलने के बाद स्थानीय वन अधिकारियों के साथ-साथ खटीमा रेंज की वन विभाग टीम और पीलीभीत स्थित वाइल्डलाइफ ट्रस्ट ऑफ इंडिया (WTI) की टीम मौके पर पहुंची और बचाव अभियान शुरू किया.

रिपोर्ट के मुताबिक, तेंदुआ कई बार खुद को फंदे से छुड़ाने की कोशिश में नाकाम रहा और अंत में थककर वहीं लेट गया. जैसे ही घटना की खबर फैली, आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में मौके पर इकट्ठा हो गए, जिसके चलते प्रशासन को पुलिस बल तैनात करना पड़ा.

यह भी पढ़ें: मां-बेटी पर झपटा तेंदुआ, तभी ढाल बनकर सामने आ गया पालतू कुत्ता, 30 मिनट तक लड़कर बचाई जान!

पीलीभीत टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर मनीष सिंह ने बताया कि मामला उत्तराखंड क्षेत्र के अंतर्गत आता है. इस कारण हल्द्वानी से विशेषज्ञों की एक टीम को बुलाया गया, जिन्होंने पूरे बचाव अभियान को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, तेंदुआ रात के समय ही फंदे में फंस गया था और करीब 12 घंटे तक फंसा रहा. रेस्क्यू के बाद तेंदुए को सुरई रेंज में भेज दिया गया, जहां उसकी निगरानी की जा रही है.

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रेस्क्यू के बाद वन विभाग ने इलाके में गश्त बढ़ा दी है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके. अधिकारियों का मानना है कि शिकारी अब नए तरीके अपनाकर जंगली जानवरों को अपने जाल में फंसा रहे हैं. वन विभाग ने इस संबंध में नए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, ताकि वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.

पीलीभीत के गांव में तेंदुए ने किया पेट डॉग पर हमला

इस बीच, पीलीभीत के पुरनपुर तहसील के बनजरिया गांव में तेंदुए द्वारा पालतू कुत्ते पर हमला करने की घटना सामने आई है. कुत्ते के मालिक सुखदेव सिंह ने बताया कि तेंदुआ अचानक खेतों से निकला और उनके पालतू कुत्ते पर झपट पड़ा. जब उन्होंने अपने कुत्ते को बचाने की कोशिश की, तो तेंदुए ने उन पर भी हमला करने की कोशिश की, लेकिन वह बाल-बाल बच गए.

स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हाल के दिनों में तेंदुए को कई बार इलाके में देखा गया है. उनका आरोप है कि वन विभाग को इस बारे में सूचना देने के बावजूद अभी तक कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा है. वन्यजीवों की बढ़ती हलचल और शिकारियों की सक्रियता को देखते हुए वन विभाग ने निगरानी बढ़ा दी है और लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.

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