उत्तर प्रदेश के बांदा में बहू की गोली मारकर हत्या करने के आरोप में कोर्ट ने ससुर को उम्रकैद की सजा सुनाई है. साथ ही 42 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने 8 गवाह पेश किए और 4 जज बदले. आरोपी ससुर गिरफ्तारी के समय से ही जेल में बंद है. फैसला आने के बाद एसपी अंकुर अग्रवाल ने पुलिस और अभियोजन टीम की सराहना की है.
यह मामला बबेरू कोतवाली के परास गांव का है. जहां सितंबर 2015 में एक युवक ने थाना में शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके पिता ने उसकी पत्नी की गोली मारकर हत्या कर दी है. पुलिस ने घटनास्थल पहुंच जांच पड़ताल शुरू की और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर आरोपी पिता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
बहू की हत्या के आरोप में ससुर को उम्रकैद
शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि उसने घटना के तीन माह पहले एक दलित लड़की से Love मैरिज की थी. जिससे उसके पिता नाराज हो गए और परिवार में आए दिन किसी न किसी बात पर कहासुनी होने लगी. घटना वाले दिन वह मजदूरी करने गया था इस दौरान उसकी पत्नी को पिता ने गोली मार दी थी. घायल अवस्था में उसे अस्पताल ले जाया गया था. लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था.
आरोपी ससुर 2015 से जेल में बंद है
पीड़ित की शिकायत के बाद आरोपी पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने विवेचना शुरू की और आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल किया, अभियोजन ने 8 गवाह पेश किए, दोनों पक्षों में बहस शुरू हुई. तमाम दलीलों और साक्ष्यों को देखने के बाद कोर्ट ने आरोपी ससुर को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है, साथ ही 42 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका है. इस दौरान 4 जज बदले गए 70 से ज्यादा तारीखे पड़ी फिर आरोपी को उम्रकैद की सजा हुई.