उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने क्रिसमस और न्यू ईयर के मौके पर शराब की बिक्री की समय अवधि बढ़ाने का फैसला लिया है. इसे लेकर आदेश भी जारी कर दिए गए हैं. आदेश के मुताबिक 24 दिसंबर और 31 दिसंबर 2023 को सभी फुटकर दुकानें सुबह 10 बजे से रात्रि 11 बजे तक खुलेंगी. लिहाजा अब कुल 13 घंटों के लिए शराब की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. इस पर अब सियासत भी तेज हो गई है. सपा ने कहा कि यूपी सरकार का वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए शराब की बिक्री पर जोर है.
बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार 2024-2025 के लिए नई आबकारी नीति लेकर आई है. योगी सरकार ने नई आबकारी नीति में 50 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है. आबकारी नीति 1 अप्रैल 2024 से प्रभावी हो जाएगी. आबकारी आयुक्त की तरफ से जारी आदेश में कहा गया है कि शराब की बिक्री का समय एक घंटा बढ़ा दिया गया है.
दूसरी तरफ गुजरात सरकार ने गांधीनगर स्थित गिफ्ट सिटी में शराब बेचने और पीने की अनुमति दे दी है. इसे लेकर सूरत के लोग पूरे गुजरात में शराब की बिक्री करने और शराब पीने देने की अनुमति देने की मांग कर रहे हैं. सिर्फ पुरुष नहीं, बल्कि महिलाएं भी ये मांग कर रही हैं. गांधीनगर की गिफ्ट सिटी में गुजरात सरकार द्वारा शराब पीने और बेचने की अनुमति दिए जाने का स्वागत सूरत के लोगों ने किया है, लेकिन दोनों बदलावों को लेकर की राजनीति गर्म होती नजर आ रही है. लिहाजा विपक्ष राज्य सरकार पर हमलावर है.
सपा प्रवक्ता फख्रुल हसन चांद ने कहा कि यूपी सरकार की कैबिनेट ने रेलवे और मेट्रो में शराब बेचने पर रजामंदी दी है और अब शराब के समय को बढ़ा दिया है. इससे यह मालूम होता है कि वन ट्रिलियन इकोनॉमी बनाने के लिए शराब की बिक्री पर ही सरकार का जोर है. प्रदेश का जवान आज नौकरी के लिए सड़क पर घूम रहा है, धरना दे रहा है. संविदा कर्मी संघर्ष कर रहे हैं और सरकार शराब बिक्री बढ़ाने की तैयारी कर रही है. ये सरकारी आदेश सवालों के घरे में है और उसकी मंशा को बताता है.
वहीं, कांग्रेस नेता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि सीएम योगी जैसे संत के प्रदेश में एक तरफ शराब बिक्री की अवधि बढ़ाने की बात की जा रही है, तो वहीं बापू के गुजरात में गिफ्ट सिटी के नाम पर शराबयुक्त राज्य बनाने की तैयारी है. उन्होंने कहा कि बीजेपी को बताना होगा कि क्या वह देश को युवाओं को नशा मुक्त करना चाहती है या उसकी ओर बढ़ा रही है.