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अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर देश-विदेश से रामलला के लिए उपहार भेजे जा रहे हैं. इसमें 2100 किलो का घंटा, 108 फीट लंबी अगरबत्ती, 1100 किलो वजनी एक विशाल दीपक, सोने के खड़ाऊं, 10 फीट ऊंचा ताला और चाबी जैसे उपहार शामिल हैं. एक घड़ी भी प्रभु को अर्पित की जाएगी जो आठ देशों का समय एक साथ बताएगी. आइए जानते हैं राम मंदिर के लिए पहुंचने वाले उपहारों की लिस्ट...
नेपाल के जनकपुर से 3000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंचे
नेपाल के जनकपुर में मां सीता की जन्मभूमि से भगवान राम के लिए 3,000 से अधिक उपहार अयोध्या पहुंचे हैं. चांदी के खड़ाऊं, आभूषण और कपड़ों सहित तमाम उपहारों को इस सप्ताह जनकपुर धाम रामजानकी मंदिर से लगभग 30 वाहनों के काफिले में अयोध्या लाया गया.
श्रीलंका का एक प्रतिनिधिमंडल भी अशोक वाटिका से एक विशेष उपहार के साथ अयोध्या आया. इस प्रतिनिधिमंडल ने महाकाव्य रामायण में वर्णित अशोक वाटिका की एक चट्टान भेंट की है.
108 फीट लंबी अगरबत्ती
रामलला के लिए गुजरात के वडोदरा में छह महीने की मेहनत से 108 फीट लंबी अगरबत्ती तैयार की गई है, जिसका वजन 3610 किलोग्राम है. यह लगभग 3.5 फीट चौड़ी है.
अगरबत्ती तैयार करने वाली वडोदरा निवासी विहा भरवाड ने न्यूज एजेंसी को बताया- यह पर्यावरण के अनुकूल है और करीब डेढ़ महीने तक चलेगी. इसकी सुगंध कई किलोमीटर तक फैलेगी.
उन्होंने कहा कि अगरबत्ती को बनाने में 376 किलोग्राम गुग्गुल (गोंद राल), 376 किलोग्राम नारियल के गोले, 190 किलोग्राम घी, 1470 किलोग्राम गाय का गोबर, 420 किलोग्राम जड़ी-बूटियां इस्तेमाल की गई हैं. अगरबत्ती की ऊंचाई कुतुब मीनार की लगभग आधी है. भरवाड और 25 अन्य लोग 1 जनवरी को विशाल अगरबत्ती के साथ वडोदरा से रवाना हुए हैं. उनका काफिला 18 जनवरी को अयोध्या पहुंचेगा.
ध्वज स्तंभ और ढोल
वहीं, गुजरात के मुख्यमंत्री ने पिछले सप्ताह अहमदाबाद में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए 44 फीट लंबे पीतल के ध्वज स्तंभ और अन्य छोटे छह ध्वज स्तंभों को हरी झंडी दिखाई थी.
गुजरात ने दरियापुर में अखिल भारतीय दबगर समाज द्वारा तैयार किया गया एक नगारू (मंदिर का ढोल) भी अयोध्या भेजा गया है. मंदिर के प्रांगण में सोने की पन्नी से बना 56 इंच का नागरू स्थापित किया जाएगा.
मंदिर के लिए ताला-चाबी
अलीगढ़ के ताला बनाने वाले सत्य प्रकाश शर्मा ने 10 फीट ऊंचे, 4.6 फीट चौड़े, 9.5 इंच मोटे और 400 किलोग्राम वजनी ताला-चाबी तैयार किया है. उन्होंने कहा- यह दुनिया का सबसे बड़ा ताला और चाबी है. मैंने इसे राम मंदिर ट्रस्ट को उपहार में दिया है ताकि इसे मंदिर में प्रतीकात्मक ताले के रूप में इस्तेमाल किया जा सके.
2100 किलोग्राम वजन का घंटा
इसके साथ ही राम मंदिर के लिए एटा के जलेसर में अष्टधातु से बना 2,100 किलोग्राम वजन का घंटा तैयार किया गया है. इसे बनाने वाले एक कारीगर ने कहा- इसको तैयार करने में दो साल लग गए. सभी अनुष्ठानों को करने के बाद अब इसे धूमधाम के साथ अयोध्या भेजा जा रहा है.
राम मंदिर के लिए स्पेशल घड़ी
लखनऊ स्थित एक सब्जी विक्रेता ने विशेष रूप से एक ऐसी घड़ी डिजाइन की है जो एक ही समय में आठ देशों का समय बताती है. अनिल कुमार साहू (52) ने कहा कि उन्होंने 75 सेंटीमीटर व्यास वाली घड़ी मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय को उपहार में दी है.
साहू ने कहा कि उन्होंने पहली बार 2018 में घड़ी बनाई थी और इसे भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय द्वारा 'डिजाइन के पंजीकरण का प्रमाण पत्र' दिया गया था. घड़ी भारत, टोक्यो (जापान), मॉस्को (रूस), दुबई (यूएई), बीजिंग (चीन), सिंगापुर, मैक्सिको सिटी (मेक्सिको), वाशिंगटन डीसी और न्यूयॉर्क (यूएस) का समय दर्शाती है.
'राम हलवा' की तैयारी
नागपुर में रहने वाले शेफ विष्णु मनोहर ने घोषणा की है कि वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने वाले भक्तों के लिए 7,000 किलोग्राम पारंपरिक मिठाई 'राम हलवा' तैयार करेंगे.
वहीं, मथुरा में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान 'यज्ञ' के लिए 200 किलोग्राम लड्डू अयोध्या भेजने की तैयारी कर रहा है.
जबकि, तिरूपति में श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक, तिरुमला तिरूपति देवस्थानम (टीटीडी) ने भी घोषणा की है कि वह राम भक्तों के लिए एक लाख लड्डू अयोध्या भेजेगा.
देश के प्रमुख कपड़ा केंद्र गुजरात के सूरत शहर में तैयार की गई एक विशेष साड़ी भी राम मंदिर अधिकारियों को भेजी जाएगी. भगवान राम और अयोध्या मंदिर की तस्वीरों वाली साड़ी भगवान राम की पत्नी सीता के लिए है. जिन्हें आदरपूर्वक मां जानकी के नाम से जाना जाता है और इसका पहला टुकड़ा रविवार को सूरत के एक मंदिर में चढ़ाया गया.
राम मंदिर की थीम पर हीरे का हार
सूरत के एक हीरा व्यापारी ने 5,000 अमेरिकी हीरे और 2 किलो चांदी का उपयोग करके राम मंदिर की थीम पर एक हार बनाया है. 40 कारीगरों ने 35 दिनों में डिजाइन पूरा किया है. इस हार को राम मंदिर ट्रस्ट को उपहार में दिया गया है.
सोने की खड़ाऊं, विशाल दीपक
भगवान राम के प्रति अटूट श्रद्धा और अपने 'कार सेवक' पिता के सपने को पूरा करने की इच्छा के साथ हैदराबाद के 64 वर्षीय चल्ला श्रीनिवास शास्त्री सोने की परत चढ़े खड़ाऊं भेंट करने के लिए लगभग 8,000 किमी की दूरी तय करके पैदल ही अयोध्या पहुंचे हैं.
वहीं, वडोदरा के रहने वाले किसान अरविंदभाई मंगलभाई पटेल ने 1,100 किलोग्राम वजन का एक विशाल दीपक तैयार किया है. पटेल ने कहा- दीपक 9.25 फीट ऊंचा और 8 फीट चौड़ा है. इसकी क्षमता 851 किलोग्राम घी की है. दीपक 'पंचधातु' (सोना, चांदी, तांबा, जस्ता और लोहा) से बना है.