प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में अभी 16 दिन बचे हैं. अब तक कुंभ में 43 करोड़ से ज्यादा लोग डुबकी लगाने पहुंच चुके हैं. क्या अगले 16 दिन में आप कुंभ जाने का प्लान कर रहे हैं? अगर हां तो जरा ठहरिए क्योंकि पिछले 72 घंटे की स्थिति कुछ ऐसी रही है कि प्रयागराज पहुंचने का जो सफर 8 घंटे का था, वो सड़क के रास्ते दोगुना या फिर तीन गुना तक हो गया. लोगों को पिछले 72 घंटे में सड़क पर जाम में ही 8 से 10 घंटे तक गाड़ी में फंसा रहना पड़ा है. जो प्रयागराज पहुंच भी गए हैं उन्हें अब कम से कम दस से बीस किमी पैदल चलना ही पड़ा है. मध्य प्रदेश से आते हजारों लोगों को प्रयागराज से दो सौ किमी दूर से ही पुलिस हिदायत देती रही कि आप लोग कुंभ मत जाइए, बहुत भीड़ है.
टिमटिमाते तारों के नीचे कुंभ नगरी प्रयागराज में संगम किनारे आसमान से देखिए तो तारों का शहर बहुत खूबसूरत लगता है. लगता है जैसे किसी ने सारे तारे लाकर त्रिवेणी के किनारे टांक दिए हैं. जहां 30 दिन में 43 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु डुबकी लगा चुके हैं यानी प्रतिदिन औसत 1 करोड़ 43 लाख से ज्यादा लोग महाकुंभ में पहुंच रहे हैं. अब देश के लाखों करोड़ों लोगों को ये समझना है कि क्या अगले 16 दिन के भीतर कुंभ जाना सरल होगा? क्या 26 फरवरी तक चलने वाले कुंभ में जाना आसान है? क्या 12 फरवरी की माघ पूर्णिमा के बाद कु्ंभ जाना चाहिए? क्या कुंभ जाने में वीकेंड पर होने वाली भीड़ से बचकर प्लान बनाना चाहिए? क्या पहले मौनी अमावस्या की भगदड़ की वजह से प्लान बदला तो अब प्लान बनाना सही है? अभी कुंभ जाना है तो ट्रेन से जाएं, प्लेन से जाएं या फिर सड़क के रास्ते किसी कार से जाएं?
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिए निर्देश
महाकुंभ को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार देर रात शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में प्रयागराज, कौशाम्बी, कानपुर, सुल्तानपुर, अमेठी, वाराणसी, अयोध्या, मिर्जापुर, जौनपुर, चित्रकूट, बांदा, प्रतापगढ़, भदोही, रायबरेली, गोरखपुर, महोबा और लखनऊ आदि जनपदों/ज़ोन/रेंज में तैनात वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और मंडलायुक्तों तथा जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विशेष बैठक कर महाकुंभ की व्यवस्थाओं की समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए.
(प्रयागराज में रविवार को लगा जाम/PTI)
सीएम योगी ने कहा, 'महाकुंभ मार्ग पर यातायात रुकने न दें और पार्किंग स्थलों का यथोचित उपयोग करें. हर दिशा से लोग प्रयागराज आ रहे हैं. सड़कों पर वाहनों की कतार न लगे और ट्रैफिक जाम की स्थिति नहीं बननी चाहिए.' सीएम ने कहा कि माघ पूर्णिमा पर विशेष सतर्कता और सावधानी जरूरी है और बसंत पंचमी की तरह ही व्यवस्था लागू करें. उन्होंने कहा कि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं का सहयोग करें, पार्किंग स्थल से मेला परिसर के लिए शटल बसें बढ़ाएं.
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि मेला परिसर में एक भी अनाधिकृत वाहन प्रवेश न करे. एक-एक श्रद्धालु को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है. स्वच्छता प्रयागराज और महाकुंभ की पहचान है इसलिए नदी हो या मेला परिसर, लगातार सफाई कराएं.
घंटों के जाम में फंसकर प्रयागराज पहुंच रहे लोग
प्रयागराज जाने के अब भी वही तीन रास्ते हैं. जो पहले रहे. यानी प्लेन से. ट्रेन से और सड़क से. प्लेन का टिकट अब भी 13 हजार का कम से कम एक तरफ का दिखा रहा है. ट्रेन से स्थिति क्या है तस्वीरों में देखी जा सकती है. सड़क मार्ग की हालत ये है कि लोग 8 फरवरी से 10 फरवरी के बीच घंटों जाम में फंसकर प्रयागराज पहुंचे हैं. लखनऊ से आना हो या फिर वाराणसी से दिल्ली से आना हो या फिर जयपुर से मध्य प्रदेश में सतना, कटनी, जबलपुर से आना हो या फिर बुंदेलखंड की तरफ से हर तरफ से प्रयागराज पहुंचने में 8 से 10 फरवरी के बीच लोगों को 5 से 10 घंटे का जाम झेलना पड़ा है. जो रात में निकल रहे हैं, वो रात भर जाम में फंस रहे हैं. जो सुबह निकल रहे हैं, उन्हें भी 24 घंटे से ज्यादा तक लग जा रहा है.
प्रयागराज में कुंभ स्नान करने वाले बहुत से लोगों से आजतक ने बात की, जिनका कहना है कि छह फरवरी तक स्थितियां ऐसी जाम की नहीं रहीं. जबकि सात फरवरी के बाद और आज 10 फरवरी तक कई जगह सड़क पर लंबा जाम लगा. जो लोग लखनऊ से प्रयागराज गए, तो रायबरेली के बाद 8 किलोमीटर तक लंबा जाम मिला और फिर इसी रूट पर आगे प्रतापगढ़ से प्रयागराज तक 22 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा. ये स्थिति हम 8 से 10 फरवरी के बीच की बता रहे हैं. जो लोग यूपी के कौशांबी से महाकुंभ आए, तो प्रयागराज से पहले 8 किलोमीटर लंबा भीषण जाम मिला. जो जौनपुर के रास्ते महाकुंभ पहुंचे, उन्हें प्रयारागराज से पहले 17 किलोमीटर लंबे जाम में उन्हें जूझना पड़ा. वाराणसी से प्रयागराज जाने में पहले भदोही पर 5 किलोमीटर लंबा जाम मिला, फिर भदोही के बाद प्रयागराज तक 15 किलोमीटर लंबा जाम लगा रहा, जिसकी वजह से तीन घंटे का सफर 10 घंटे तक का हो गया और जो लोग कार, बस, टैक्सी से मिर्जापुर से प्रयागराज आए, उन्हें 12 किलोमीटर लंबे जाम में फंसना पड़ा जबकि चित्रकूट और रीवा से प्रयागराज आने वाले रास्तों पर 12 किलोमीटर और 25 किलोमीटर का जाम लगा रहा. हालात ये हो गए कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री तक को कहना पड़ा कि जो लोग प्रयागराज सड़क के रास्ते जा रहे हैं, वो अपनी पूरी तैयारी करके जाएं, लंबा जाम मिल सकता है.
(प्रयागराज में रविवार को जाम में फंसी गाड़ियां/PTI)
सड़क मार्ग का क्या है हाल?
8 से 10 फरवरी के बीच रात ही नहीं दिन में भी प्रयागराज से सौ, डेढ़ सौ किमी दूर इतना ही जाम देखा जाने लगा. सतना, कटनी, जबलपुर, रीवा से जो भी रास्ते प्रयागराज की तरफ आते हैं उन पर पांच से सात घंटे तक का ट्रैफिक जाम होने के पीछे वजह मौनी अमावास्या पर मची भगदड़ के बाद सीखा गया सबक है. प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर भगदड़ के बाद भीड़ को नियंत्रित करने की रणनीति पर काम हो रहा है, जिसके तहत प्रयागराज की सीमाओं से सटे जिलों में ही गाड़ियों को पहले रोका जा रहा है. फिर प्रयागराज में भीड़ की संख्या के आधार पर ही दूसरे जिलों की सीमा पर रोकी गई गाड़ियां आगे जाने दी जाती हैं ताकि प्रयागराज में अब अचानक मौनी अमावस्या जैसी 8 करोड़ से ज्यादा की भीड़ ना पहुंच जाए.
मध्य प्रदेश के रास्ते से प्रयागराज के रूट में जाम की बड़ी वजह छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, कर्नाटक तक की गाड़ियां भी हैं, जो इसी रास्ते कुंभ पहुंचना चाहती हैं. हालात ये हैं कि मुख्यमंत्री तक अपील करने लगे कि 'भाई सोच समझकर जाओ'. हालांकि कुंभ मेला क्षेत्र में भीड़ उतनी नहीं है जितनी प्रयागराज के एंट्री प्वाइंट्स पर है या फिर शहर के भीतर है. भीड़ की वजह अभी माघ पूर्णिमा भी मानी जा रही है, जो 12 फरवरी को है. इन सबके बीच गाड़ियों से जाने में ही सिर्फ कई घंटे का जाम लोगों को परेशान नहीं कर रहा. लेकिन जो ट्रेन से जा रहे हैं, उनकी राह भी आसान नहीं है.
ट्रेन से जाना भी नहीं आसान
यात्रीगण अगर ट्रेन से कुंभ जाने का प्लान किए हैं तो वो भी ध्यान दें. रेलवे कहता है कि 300 से ज्यादा ट्रेन से यात्रियों को लाया-पहुंचाया जा रहा है लेकिन वाराणसी से प्रयागराज आने के लिए इतने लोग जुट गए कि कुछ इंजन में जाकर बैठ गए. लॉक कर लिया तो RPF वाले आए, उन्हें उतारा तब जाकर ट्रेन चली. बिहार के समस्तीपुर से आने वाली ट्रेन की हालत ये है कि पुरुष हों या महिला सब खिड़की से घुसने की जद्दोजहद करते दिखे. भीड़ इतनी है कि कोई रास्ता नहीं दिख रहा. लोग कोच का दरवाजा भीतर से बंद कर लेते हैं, जिनके पास रिजर्वेशन है, टिकट है, वो परेशान दिखते हैं. समस्तीपुर में एक ट्रेन नहीं बल्कि कुंभ के लिए प्रयागराज ले जाने वाली हर ट्रेन का ये हाल है. यही हाल कानपुर से लेकर वाराणसी तक की हर उन ट्रेन में दिखता है, जो प्रयागराज की ओर जा रही है.
(प्रयागराज में सोमवार को ट्रैफिक जाम में फंसी गाड़ियों की तस्वीर/ PTI)
भीड़ और जाम के क्या कारण हैं?
ऐसा नहीं है कि घंटों का ट्रैफिक जाम कुंभ आने के दौरान शहर के बाहर ही लग रहा है. शहर के भीतर भी बहुत लंबा जाम मिल रहा है. मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद बहुत से लोगों ने अपना कुंभ प्लान पहले पोस्टपोन कर दिया था. चार फरवरी को बसंत पंचमी के शाही स्नान और पांच फरवरी को पीएम मोदी का कुंभ स्नान पूरा होने के बाद लोगों को लगा कि अब भीड़ कम होगी. ट्रेन फुल होने, प्लेन का टिकट महंगा होने से अब बहुत से लोग महाकुंभ में शामिल होने के लिए निजी गाड़ी से पहुंच रहे हैं. शनिवार-रविवार को छुट्टी की वजह से बहुत से लोगों ने महाकुंभ में अपनी गाड़ी से जाने का प्लान बना लिया. शहर के बाहर और अंदर जो पार्किंग बनाई गई है उसकी क्षमता 5 से 6 लाख गाड़ियों की है, लेकिन प्रयागराज में उससे भी ज्यादा गाड़ियां पहुंची हैं.
दावा है कि शहर के बाहर की पार्किंग के पास बहुत से लोग सिफारिश करके अपनी गाड़ी शहर के भीतर तक ले आ रहे हैं, जिससे शहर के भीतर भी गाड़ियों का लंबा जाम लग रहा है. प्रयागराज में कुंभ की वजह की कई जगह बैरिकेड्स लगे होने की वजह से भी जो क्षमता से ज्यादा गाड़ियां हैं, उनसे जाम की स्थिति गंभीर हुई है. दावा है कि तीन दिन में करीब 15 लाख गाड़ियां शहर में आईं, लेकिन जितनी तेजी से उन्हें वापस जाना चाहिए, वो गति नहीं दिखी.
हालात काबू में करने के लिए क्या करना चाहिए
कुंभ की सारी स्थितियां अब आपके सामने हैं. ट्रैफिक जाम, ट्रेन फुल, महंगा हवाई टिकट और कुंभ पहुंच भी गए तो कई किमी तक पैदल चलना. महाकुंभ का ये वो महाजाम है, जहां संगम स्नान फिलहाल आसान नहीं दिखता. शहर के बाहर ज्यादा सुरक्षा बल तैनात हैं. मेला प्रशासन ने 112 जगहों पर पार्किंग बनाई है. इसमें आधी पार्किंग शहर के अंदर और आधी शहर के बाहर है. शहर के बाहर की पार्किंग पर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती कम है. अगर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती बढ़ाई जाए और गाड़ियां वहीं पार्क करवाई जाएं तो शहर में जाम नहीं होगा.
शटल बसों की संख्या बढ़ाई जाए. जहां गाड़ियों को पार्क करवाया जा रहा है, वहां शटल बसों की संख्या कम है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी कम है. वहां इन गाड़ियों की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए. वीआईपी कल्चर को कम से कम करना चाहिए. मेले में अभी भी VIP कल्चर जारी है. बड़ी संख्या में गाड़ियां हर दिन सायरन बजाती हुईं शहर और फिर मेले में प्रवेश कर रही हैं. पैदल जा रहे श्रद्धालुओं के मन में इसे लेकर नाराजगी है.