गैंगस्टर केस में माफिया मुख्तार अंसारी और उसके साथी को दस साल की सजा हो चुकी है. इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि कुछ लोग पुलिस की कार्रवाई को गैरकानूनी बताते थे. कहते थे कि पुलिस गैर कानूनी कार्रवाई कर रही है. अब यह मामला दर्शाता है कि पुलिस की कार्रवाई पूरी तरह से कानूनी है, विधि सम्मत है.
एडीजी ने कहा कि अब सक्षम न्यायालय के सजा देने के बाद से यह बिना किसी शक के साबित हो गया कि पुलिस की कार्रवाई अपनी जगह पर सही थी, विधि सम्मत थी. इससे पहले भी हाईकोर्ट ने दो मामले में मुख्तार अंसारी को सजा दी थी.
उन्होंने कहा कि हमने गैंगस्टर एक्ट में जो अधिकतम सजा 10 साल की है, वह दिलवाने में सफलता पाई है. इस दौरान हमने समय से सभी गवाह पेश किए, उनको सुरक्षा का का भरोसा दिलाया, जिसकी वजह से यह conviction हो पाया.
एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा कि अभी जितने भी मामले कोर्ट में चल रहे हैं, हम उनमें सजा दिलाने की पूरी कोशिश करेंगे. जो चीजें पहले हो चुकी हैं, उनके बारे में कहना उचित नहीं है, लेकिन अभी जो केस विचाराधीन हैं, हम उनके सभी गवाह समय से पेश करेंगे, गवाही कराएंगे. बाकी न्यायालय पर निर्भर करता है.
गैंगस्टर एक्ट में जब्त की जा चुकी है 290 करोड़ की संपत्ति
एडीजी ने कहा कि अभी तक सभी माफिया जेल के अंदर हैं. किसी को भी बेल नहीं मिली है. यह दर्शाता है कि पुलिस की कार्रवाई उचित ढंग से की गई है, विधि सम्मत की गई है. इस माफिया (मुख्तार अंसारी) और उसके गैंग मेंबर की लगभग 290 करोड़ की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में जब्त की जा चुकी है.
एडीजी ने बताया कि मुख्तार अंसारी की 283 करोड़ की संपत्ति से कब्जा हटाया जा चुका है या वह निर्माण अवैध मिलने पर ध्वस्त की जा चुकी है. कोशिश यही है कि पूरे प्रदेश को माफिया मुक्त किया जाए और उनके द्वारा उनके लोगों के द्वारा किए जाने वाले हर गलत काम को खत्म किया जा सके, ताकि उत्तर प्रदेश में कानून का राज स्थापित हो सके. जिससे उत्तर प्रदेश में पूंजी निवेश आ सके.