लखनऊ में एडिशनल एसपी (ASP) के मासूम बेटे नामिश को एसयूवी से रौंदने के मामले में पुलिस एक्शन में है. घटना वाले दिन ही पुलिस ने दोनों आरोपी लड़कों सार्थक सिंह और देवश्री वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था. फिर उसके बाद सार्थक के पिता और सपा नेता रवींद्र सिंह को भी पकड़ लिया. अब इस मामले में पुलिस ने नामिश के कोच पर भी एफआईआर दर्ज की है.
बता दें कि जनेश्वर मिश्र पार्क के स्थानीय दुकानदार की शिकायत पर गोमती नगर विस्तार थाने में अवध एकेडमी क्लब के कोच दिव्यांश अरोड़ा और गौरव पर FIR दर्ज हुई है. दिव्यांश और गौरव दोनों नामिश को स्केटिंग सिखाते थे. घटना वाले दिन गौरव स्केटिंग सिखा रहा था. तभी तेज रफ्तार एसयूवी नामिश को रौंद कर चली गई.
पुलिस ने दिव्यांश और गौरव पर आईपीसी की धारा 268/336 और 283 के तहत केस दर्ज किया है. उनपर बिना अनुमति के जनेश्वर मिश्र पार्क के आसपास स्केटिंग सिखाने का आरोप है. जिसके चलते नामिश सड़क हादसे का शिकार हो गया.
सार्थक, देवश्री और रवींद्र की गिरफ्तारी की कहानी
गौरतलब है कि जिस एसयूवी से नामिश को टक्कर मारी गई थी उसे सार्थक सिंह चला रहा था. बगल में देवश्री बैठा हुआ था. दोनों में रेस लगाने की होड़ लगी थी. नामिश को रौंदने के बाद उन्होंने गाड़ी को घर पर खड़ी कर दिया था. एसयूवी का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था. उसपर लगे खून के धाब्बे को सार्थक के पिता रवींद्र सिंह ने साफ कर दिया था. आरोप है कि वो एसयूवी की डेंटिग-पेंटिंग कराकर सबूत मिटाने की फिराक में था.
ऐसे में सार्थक और देवश्री के साथ पुलिस ने रवींद्र को भी गिरफ्तार कर लिया . बाराबंकी से गिरफ्तार किए गए सपा नेता रवींद्र पर साक्ष्य छुपाने और साक्ष्य मिटाने के आरोप हैं. गिरफ्तार किए जाने के बाद रवींद्र को जेल भेज दिया गया है.
एक्सीडेंट के बाद रवींद्र सिंह ने टक्कर मारने वाली एसयूवी को धुलवाकर खून के धब्बे मिटाए थे और डेंटिंग के लिए कार को छुपा दिया था. पुलिस ने जब रवींद्र से सार्थक के बारे में पूछताछ की तब भी उसने सच नहीं कबूल किया था. फिलहाल, पुलिस ने पिता-पुत्र सहित तीसरे आरोपी देवश्री को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. मामले में आगे की कार्रवाई जारी है.
पुलिस ने क्या बताया
इस घटना को लेकर पुलिस की पांच टीमें गठित की गईं थीं. डीसीपी आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि घटना की सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद एसयूवी का पता लगाया गया था. इसके बाद दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया था. सार्थक के पिता रवींद्र सिंह बाराबंकी जिले के रामनगर में जिला पंचायत सदस्य रह चुके हैं.
वहीं, दूसरे आरोपी देवश्री के चाचा अंशुल वर्मा कानपुर में सराफा कारोबारी हैं. सार्थक एमिटी यूनिवर्सिटी से एलएलबी व देवश्री रामस्वरूप से बीटेक की पढ़ाई कर रहा है. देवश्री उन्हीं की गाड़ी लेकर आया था. दोनों आरोपी कार रेस करना चाहते थे, इसी को लेकर उन्होंने कार दौड़ाई. उनमें होड़ लगी थी कि वे 150 की स्पीड से कार को दौड़ाएंगे. दोनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या के लिए सजा) और 279 (सार्वजनिक रास्ते पर लापरवाही से गाड़ी चलाना) के तहत केस दर्ज किया गया है.
ऐसे हुआ था हादसा
21, नवंबर की सुबह जनेश्वर मिश्र पार्क के पास ये पूरा हादसा पलक झपकते हुआ था. ASP श्वेता श्रीवास्तव अपने बेटे नामिश को कोच के साथ स्केटिंग का अभ्यास करवाने लाई थीं. जी-20 मार्ग पर श्वेता सड़क के दूसरी तरफ थीं. तभी शहीद पथ की ओर से आई तेज रफ्तार महिंद्रा एक्सयूवी 700 ने नामिश को जोरदार टक्कर मार दी. टक्कर इतनी जोरदार थी कि नामिश कई फीट ऊपर उछला और फिर एसयूवी के बोनट पर गिरा. मगर चालक ने एसयूवी नहीं रोकी वह नामिश को रौंदते हुए फरार हो गया. एसयूवी की बाईं ओर की हेडलाइट टूट गई थी और उसका बोनट धंस गया था.